अगर आप जी तोड़ मेहनत से पसीना बहा कर अपनी कमाई को भारत सरकार के पोस्ट आफिस में इस उम्मीद से जमा करते है कि वो सुरक्षित रहेगा और ऐन वक्त जरूरत के समय आपके काम आएगा तो ये खबर आपके लिए है।
इस खबर को अंत तक जरूर देखिये ।
अब तक आपने प्राइवेट फाइनेंस कंपनीयो के बड़े फर्जीवाड़े करने के बाद भाग जाने के किस्से सुने होंगे, पर इस बार कहानी कुछ हटकर है,
फर्जीवाड़ा तो इस बार भी हुआ पर इस बार लोगो का भरोसा टूट गया सरकारी सिस्टम पर, वो भी केंद्र सरकार का सबसे पुराना विभाग पोस्ट आफिस से ।
आपको बताएंगे कि कैसे भारत सरकार के पोस्ट आफिस प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के अड्डे बने हुए है।
जहाँ वेतन तो केंद्र सरकार से लिया जाता है किंतु सरकारी संसाधनों का उपयोग कर बाजार में 9 का 10 में सरकारी पैसा घुमाया जा रहा है।
इस खबर को देखने के बाद आपको सरकारी सिस्टम से विस्वास उठ जाएगा।
पोस्ट आफिस में पैसे जमा करने से पहले आप 10 बार सोचने को मजबूर हो जाएंगे।
मामला उत्तरकाशी जिले के थाती धनारी पोस्ट ऑफिस का है जहाँ ये पैसों का गोरख धंधा वर्षों से फल फूल रहा है।
आखिर कौन है वो बड़ी मछलियां जिनके दम पर ये सरकारी कर्मचारी टोपी घुमाने का काम कर रहे है, इतने लंबे अरसे तक किसी को भनक नही लगी ? क्या सबके मुह बन्द करवाये गए।
पूरा मामला हम विस्तार से आपको बताएंगे आप बने रहिए मेरु रैबर के साथ।
गाँव के भोले भाले किसान मजदरी धिआडी करके 4 पैसे बचाते है और उसे गाँव के पोस्ट आफिस में जमा करवाते है।
पोस्टमॉस्टर उनसे फार्म भरवाता है, साइन करवाता है और उन्हें चार पांच दिन बाद आने को बोलता है।
पांच दिन बाद ग्राहक को पास बुक थमाई जाती है जिसमे वही रकम अंकित दिखाई जाती है जो उसने जमा की है।
अचानक एक दिन एक गाँव का एक व्यक्ति वीओँ आफिस डुंडा जाकर अपनी जमा रकम की जानकारी लेता है। सरकारी कंप्यूटर पर जो जानकारी उसे मिलती है उसे देखने के बाद ग्रामीण अपना सर पकड़ कर बैठ जाता है।
दरअसल उसकी जमा एक लाख की रकम को सिर्फ एक हजार जमा करवाया गया और पास बुक पर ओवर राइटिंग कर उसे शून्य बढ़ा कर एक लाख दिखा दिया गया है।
जैसे ही ये खबर इलाके में पहुँची तो लोग अपनी अपनी पास बुक लेकर बीओ आफिस डुंडा की तरफ दौड़े तो पाया कि ये घोटाला लंबे समय से चल रहा था।
जीरो की खोज भारत मे हुई थी तब भारत का बड़ा नाम हुआ था अब लोगो के जमा रकम में फर्जी जीरो बढ़ाकर ये भृष्ट अधिकारी पोस्ट आफिस का नाम खराब कर रहे है।
जिला मुख्यालय से पोस्ट आफिस के सहायक डाक अधीक्षक ने जांच टीम को मौके पर भेजा।
धनारी पट्टी के करीब 1500 संदिग्ध खातों के मिलान ग्राहक की पास बुक से कराया जा रहा है पूरी जांच के बाद 50 लाख से एक करोड़ के गड़बड़ी का खुलासा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
ये सिर्फ एक ग्रामीण पोस्ट आफिस का मामला है जहाँ गरीब किसान बसते है, सोचिए अगर अन्य पोस्ट ऑफिस में भी यहॉ खेल चल रहा होगा तो गबन का आंकड़ा कहा तक पहुँच जाएगा।
क्या आम इंसान अपनी जमा पूंजी पोस्ट ऑफिस में जमा करने की हिम्मत कर सकेगा?