देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाया कि लाडपुर में भाजपा मुख्यालय के लिए जमीन खरीद और भवन के मानचित्र में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई है। भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सभी नियमों को ताक पर रखा है। माहरा ने सरकार से सवाल पूछा कि, जिस प्रकार भाजपा ने सत्ता का लाभ उठाते हुए खुद जमीन को खरीद लिया है। क्या उसी प्रकार इन क्षेत्रों में जीवन भर की जमा-पूंजी लेकर जमीन के छोटे छोटे टुकड़े लेने वालों को भी राहत दी जाएगी? रविवार दोपहर कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में माहरा ने आरटीआई से मिली सूचनाओं को पेश करते हुए सरकार और भाजपा संगठन को कठघरे में किया। कहा कि लाडपुर क्षेत्र में 10 अक्टूबर 1975 से पूर्व खरीदी गई जमीनों की रजिस्ट्रियां ही मान्य थी।
इस तारीख के बाद की गई भूमि खरीद-फरोख्त को शून्य कर दिया गया था। इस क्षेत्र की भूमि चाय बागान और सीलिंग के दायरे में होने की वजह से यह व्यवस्था की गई थी। इसके बाद चार मई 2005 को देहरादून की तत्कालीन डीएम मनीषा पंवार ने भी इस बाबत आदेश जारी किए हैं। लेकिन वर्ष 2011 में भाजपा ने बिशन सिंह चुफाल के नाम से पदमावती से यहां 16 बीघा जमीन खरीदी। नियमानुसार यह खरीद-फरोख्त अवैध है। इस जमीन को खरीदने के लिए भाजपा की ओर से झूठे शपथपत्र भी लगाए हैं। आरटीआई में इसका खुलासा हुआ है। माहरा ने सरकार से सवाल पूछा कि जिस प्रकार अपने लाभ के लिए भाजपा ने सारे नियमों को उल्लंघन करते हुए खुद जमीन खरीदी है, क्या उसी प्रकार उस क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों को भी छूट देगी? यदि स्थानीय लोगों को छूट नहीं दी जाती तो फिर भाजपा कैसे लाभ ले सकती है? जिन अफसरों रजिस्ट्री करने और मानचित्र मंजूरी में भूमिका निभाई है, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? माहरा ने भाजपा के महानगर मुख्यालय के करीब बन रही लाइब्रेरी भवन में भी भाजपा के स्तर से खेल करने की आशंका जाहिर की। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी, सूर्यकांत धस्माना, राजीव महर्षि, याकूब सिद्दीकी, नवीन जोशी, मनीष नागपाल, गरिमा महरा दसौनी आदि मौजूद रहे।