🧒 “भीड़ में खोया, लेकिन दिलों में बस गया — 3 साल के मासूम को टिहरी पुलिस ने मिलाया परिवार से!”
चंदेश्वर मंदिर में हुआ था लापता, जानकी पुल पर मिला — रज्जी कौर की सतर्कता ने रचा चमत्कार
💔 तीन साल का बेटा भीड़ में खो गया, एक पल में उजड़ गया परिवार…
मगर टिहरी पुलिस की इंसानियत ने फिर से जोड़ा टूटता रिश्ता
📍ऋषिकेश | जनपद टिहरी गढ़वाल
धार्मिक आस्था और भीड़ के बीच त्रिवेणी घाट की हवा में अचानक मातम का सन्नाटा पसर गया, जब गोरखपुर निवासी शैलेन्द्र का तीन साल का मासूम बेटा श्रेष्ठ पूजा-पाठ के बीच अचानक गायब हो गया।
हर तरफ चीख-पुकार, रोती मां, बदहवास पिता और मंदिर परिसर में अफरातफरी…
🕵️♂️ ऋषिकेश से टिहरी तक अलर्ट — पुलिस की रफ्तार बनी मसीहा
जैसे ही घटना की सूचना ऋषिकेश पुलिस को मिली, चारों तरफ अलर्ट जारी कर दिया गया।
बच्चे की तलाश में जनपद टिहरी पुलिस भी तुरंत सक्रिय हो गई। और फिर जो हुआ, वो एक संवेदनशील, साहसिक और भावुक कहानी बन गई।

👮♀️ हीरो बनीं महिला हेड कांस्टेबल रज्जी कौर!
जानकी पुल पर खोया-पाया केंद्र में ड्यूटी पर तैनात महिला हेड कांस्टेबल रज्जी कौर की नजर एक घबराए, रोते हुए बच्चे पर पड़ी।
👁️🗨️ “बच्चा अकेला था, डरा हुआ था… मैंने उसे तुरंत सुरक्षित रखा और उच्चाधिकारियों को सूचना दी।” — रज्जी कौर
बच्चे की पहचान होते ही कुछ ही घंटों में उसे माता-पिता से मिलवा दिया गया।
👨👩👦 मां की गोद में लौटते ही गूंज उठी रुलाई — पर शुक्र और राहत से भरी!
जैसे ही मासूम श्रेष्ठ अपने पिता की आवाज़ पर दौड़कर गोद में चढ़ा, पूरा माहौल भावुक हो उठा।
🗣️ “हमने उम्मीद छोड़ दी थी… लेकिन टिहरी पुलिस ने हमारे जीवन की सबसे बड़ी खुशी लौटा दी,” — कहा बच्चे के पिता शैलेन्द्र ने, आंसू पोंछते हुए।
🏅 एक तस्वीर — जो सिस्टम की असली ताकत को बयां करती है!
यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि पुलिस की मानवीयता और तत्परता का एक अनमोल उदाहरण है।
🔚 हर मसीहा वर्दी में नहीं आता, लेकिन कई बार वर्दी ही मसीहा बन जाती है।
टिहरी पुलिस और रज्जी कौर को सलाम — उन्होंने सिर्फ एक बच्चा नहीं, एक परिवार लौटा दिया।
🙏 क्योंकि सुरक्षा सिर्फ कानून से नहीं, इंसानियत से भी मिलती है…
