लोकभाषाओं के लिए उत्कृृष्ठ कार्य करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित करने के मंत्री ने दिए निर्देश

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देहरादून। उत्तराखण्ड में प्रचालित मुख्य भाषाओं व लोक भाषाओं के उत्थान के साथ-साथ उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित करने का गम्भीरता से प्रयास करें।’’ यह निर्देश प्रदेश के भाषा, पुनर्गठन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) यतीश्वरानन्द द्वारा विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित भाषा विभाग से सम्बन्धित विभागीय समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिये। विभागीय समीक्षा बैठक में मंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा के गठन के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसका तत्काल प्रस्ताव तैयार करते हुए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान अधिनियम-2018 के अधीन पद सृजन पुर्नगठन इत्यादि के सम्बन्ध में भी तत्काल प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिये। मंत्री ने उत्तराखण्ड की मुख्य भाषाओं और लोक भाषाओं के 100 उत्कृष्ट साहित्यकारों को बडे मंच पर सम्मानित करने का निर्णय लेते हुए निर्देश दिये कि एक माह में साहित्यकार सम्मान योजना को पुर्नजीवित करते हुए कोविड-19 के दिशा निर्देशों के अनुरूप साहित्यकार सम्मान का आयोजन किया जाय।
  मंत्री ने विभिन्न भाषाओं के विशेषज्ञों तथा इस क्षेत्र में उत्कृष्ट साहित्य रचना अथवा भाषा उत्थान के सम्बन्ध में बेहतर प्रयास करने वाले विद्धानों को भाषा संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा में सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने को कहा। उन्होने कुमाॅऊ तथा गढवाल दोनो मण्डलों में भाषा विभाग की डिजिटल लाईब्रेरी (आॅन लाईन पुस्तकालय ) के भवन के लिए सचिव भाषा संस्थान तथा भाषा निदेशक को भूमि चयन के निर्देश दियें, जिसमें (डिजिटल लाईब्रेरी) उत्तराखण्ड में प्रचालित मुख्य भाषाओं के साथ-साथ गढवाली, कुमाऊॅनी और जौनसारी का साहित्य सृजन संकलित हो। मंत्री ने हर वर्ष हिन्दी, पंजाबी, उर्दू तथा गढवाली, कुमाऊॅनी और जौनसारी जैसी लोक भाषाओं के उत्कृष्ट चार साहित्यकारों को बडे मंच पर पुरस्कृत करने तथा मुख्य भाषाओं और लोक भाषाओं के कम-से-कम 100 साहित्यकारों को सम्मानित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होने लोक भाषा के उत्थान तथा उसके प्रचार-प्रसार के लिए लगातार विशेष प्रयास करने और भाषा-बोली को बढावा देने के लिए शिक्षा मंत्री भारत सरकार से भी आवश्यक सहयोग हेतु प्रस्ताव बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिये।
 मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बोली भाषा के उत्थान तथा साहित्यकारों के सम्मान से सम्बन्धित जो भी प्रकरण कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किये जाने है उन पर तेजी से कार्य करें तथा आज हुई समीक्षा बैठक पर उचित प्रगति के सम्बन्ध में एक सप्ताह में पुनः समीक्षा बैठक आयोजित करें।
इस दौरान बैठक में सचिव उत्तराखण्ड भाषा संस्थान विनोद रतूडी, निदेशक भाषा संस्थान रणवीर सिंह चैहान, वित्त नियंत्रक सुनील कुमार, संयुक्त सचिव वीरेन्द्र पाल, उप निदेशक पंजाबी अकादमी हरभजन पाल सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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