बंदरों की धमाचौकड़ी, राह चलते लोगों पर हमले,नगर निगम पर लापरवाही का आरोप।

Share Now

राह चलते लोगों पर हमले, घर-दुकानों में घुसपैठ और फसलों का नुकसान… सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे ने उठाई आवाज, नगर निगम पर लापरवाही का आरोप।


अल्मोड़ा।
सुबह घर से निकलते ही छतों पर बंदरों की धमाचौकड़ी… बच्चों के हाथों से छिनी स्कूल बैग और महिलाओं पर झपटते दहशतनुमा चेहरे। अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में कटखने बंदरों का आतंक ऐसा फैल गया है कि लोग घरों से निकलने में भी डरने लगे हैं।


नगर निगम की नींद गहरी, जनता हलकान

हैरानी की बात है कि 6 जून 2025 को शिकायत संख्या CHML62025876870 के तहत मामला कुमाऊं आयुक्त तक पहुंचा, और फिर नगर निगम को कार्रवाई के लिए भेजा गया, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं।

  • बंदरों के झुंड सड़कों और मोहल्लों में खुले घूम रहे हैं।
  • महिलाएं-बच्चे रोजाना इनके हमलों का शिकार।
  • दुकानों और घरों में घुसपैठ से लोग परेशान।

“नगर निगम सिर्फ कागजों में काम कर रहा है, जमीन पर कुछ नहीं दिखता,” स्थानीय निवासी बताते हैं।


सामाजिक कार्यकर्ता ने जगाई प्रशासन की नींद

संजय पांडे, जो खुद को केवल जनसेवक कहते हैं, पिछले कई महीनों से इस मुद्दे पर लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा –
“मैं कोई नेता नहीं, आम आदमी हूं।
जब तक इन बंदरों का आतंक खत्म नहीं होगा, चैन से नहीं बैठूंगा।”

  • उनके प्रयासों से वन विभाग अब सक्रिय हुआ।
  • वाहनों की सघन चेकिंग के लिए सभी चेकपोस्टों पर अलर्ट जारी।
  • पुलिस को सहयोग देने के लिए पत्र भी भेजा गया है।

संजय पांडे ने वन विभाग और पुलिस प्रशासन का आभार जताया, लेकिन नगर निगम की ‘गहरी नींद’ पर सवाल खड़े किए।


जनहित याचिका की तैयारी – अब सब्र का बांध टूट रहा

संजय पांडे ने चेतावनी दी –
“अगर नगर निगम और जिलाधिकारी नहीं जागे,
तो मैं सीधे जनहित याचिका दाखिल करूंगा।”

अल्मोड़ा की जनता अब पूछ रही है –
क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है?
या फिर तब तक सोता रहेगा जब तक लोग सड़कों पर उतर न आएं?


समापन (पंचलाइन):
“अल्मोड़ा में इंसान अपने ही शहर में कैदी बन चुका है… अब देखना है कि प्रशासन बंदरों की सुनता है या जनता की चीखें उसे जगाती हैं!”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!