केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य सीएसआर के तहत करने को आरईसी और एसकेयूसीटी के बीच हुआ एमओयू हस्ताक्षर

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देहरादून। केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य सीएसआर के तहत करने के उद्देश्य से गुरूवार को उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद भवन में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर की मौजूदगी में रूरल इलेक्ट्रिकल काॅरपोरेशन लिमिटेड (आरईसी) ने श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट (एसकेयूसीटी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। आरईसी द्वारा काॅरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत 23.53 करोड़ रुपये का योगदान किया जा रहा है। समझौता ज्ञापन पर आरईसी की ओर से नीरज शर्मा व  केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से उपनिदेशक जितेन्द्र कुमार ने हस्ताक्षर किये।
श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन एक गवर्निंग काउंसिलध्पदाधिकारी द्वारा किया जाता है जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार, ट्रस्ट के अध्यक्ष और विभिन्न विभाग के अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के रूप में करते हैं। एसकेयूसीटी का गठन 2017 में केदारनाथ धाम में निर्माण, पुनः निर्माण, विकास, पुनः विकास और सभी बुनियादी ढांचे के नवीकरण की सुविधा के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार द्वारा किया गया है। आरईसी पहले चरण में उपर्युक्त राशि का 40 प्रतिशत श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट को देगा। जिसमें 12.08 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का सरस्वती प्लाजा में भूतल निर्माण कार्यों तथा प्रशासनिक कार्यालयों और अस्पताल आदि के निर्माण के लिए किया जाएगा। 9.03 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सरस्वती एज और मंदिर की सड़क के बीच बुनियादी ढांचे के विकास, रेटस कुंड, उदक कुंड, हंस कुंड का जीर्णोद्धार और संरक्षण संबंधित नागरिक कार्य और 2.42 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर अन्य विकासात्मक कार्य आवंटित किए गए हैं। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि “केदारनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिस को साकार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का विकास और मजबूती इस उद्देश्य की कुंजी है। आरईसी फाउंडेशन की इस नेक काम के प्रति भागीदारी के लिए मैं आभारी हूं। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही पर्यटन अवसंरचना के निर्माण से और अधिक श्रद्धालु इस गंतव्य की ओर आकर्षित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

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