ऋषिकेश नगर निगम को भगवा करने के अध्यक्ष के प्रस्ताव के बाद से ही अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ चल रहे पार्षदों ने पंचायत एक्ट का हवाला देते हुए रविवार को बुलाई गई नगर निगम की बैठक में पारित प्रस्ताव को अवैध करार दिया है , जबकि नगर निगम अधिकारी एक्ट के अनुसार ही कार्यवाही होना बता रहे हैं। ऐसा लगता है कि कानून की मोटी किताबों मैं लिखी धाराओं और उप धाराओं का विश्लेषण अब हाईकोर्ट में ही होने वाला है|
अमित कंडियाल ऋषिकेश
मेयर से नाराज पार्षद नहीं हुए बोर्ड बैठक में शामिल
ऋषिकेश नगरनिगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों के बहुमत के बिना ही बजट पास हो गया। दरसल , शहर के विकास कार्यों के लिए रविवार को नगरनिगम में बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। 40 पार्षदों में से बैठक में मात्र 17 पार्षद ही प्रतिभाग कर सकें। कुल पार्षदों की संख्या के आधे से ज्यादा संख्या के बिना ही बजट पास कर दिया गया। जिसको लेकर बैठक में उपस्थित न होने वाले पार्षदों द्वारा नाराजगी जाहिर की गयी।
पार्षद शिवकुमार गौतम ने बताया कि बोर्ड बैठक में कुल पार्षदों की संख्या का आधे से ज्यादा होने पर ही बोर्ड बैठक में बजट पास होना होता हैं जबकि आज आयोजित हुई बोर्ड बैठक में अवैध रूप से बजट पास किया गया हैं जिसके लिए पार्षदों के एक दल कमिश्नर , जिलाधिकारी को शिकायत करेगा एवं सम्बंधित लोगों पर कार्यवाही की मांग करेंगे। साथ ही बताया कि जरूरत पड़ी तो इस बैठक को लेकर उच्च न्यायालय भी जाएंगे।
वही इस संबंध में जब नरेंद्र क्युरियाल ( नगरआयुक्त , ऋषिकेश ) से एक्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पिछली बैठक को सदन के अध्यक्ष द्वारा स्थगित करने के बाद रविवार को बैठक बुलाई गई थी, इस दौरान कर्म पूरा न होने के बाद भी प्रस्ताव पारित हो सकते है। अब वास्तव में क्या स्थिति थी और कानूनन कौन सही कह रहा ह ये तो कानून के जानकार ही बता सकेंगे पर फिलहाल नगर निगम ऋषिकेश को भगवा करने से लेकर विकास कार्यो के प्रस्ताव पारित होने तक पार्षद दो गुटों में बंटे दिखाई दे रहे है।
: अनिता मंमगाई ( मेयर , ऋषिकेश )
नरेंद्र क्युरियाल ( नगरआयुक्त , ऋषिकेश )
शिवकुमार गौतम ( भाजपा पार्षद , नगरनिगम )