इस खूबसूरती से फिर कैसे न हो प्यार

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बादलों को छूते पहाड़ी गाँव।

कभी देखी है इतनी बेसुमार खूबसूरती 

पर्यटको के इन्तजार में विभाग।
गिरीश गैरोला।
सुना है देवों तक पहुचना आसान नही है तभी तो देव भूमि की सुंदरता भी छुपी हुई सी है जिसे देखने के लिए मजबूत कलेजा और धैर्य कज जरूरत है।
बरसात के दिनों में भले ही पहाड़ो में अतिवृष्टि के चलते बादल फटने, भूस्खलन और सड़क बंद होने की खबरे तो बराबर आती रहती है किंतु इसका दूसरा एंगल कभी नही दिखाया गया ।
बरसात के इन्ही दिनों में पहाड़िया अपने सबसे खूबसूरत रूप में होती है । किसी खूबसूरत  नवयौवना की तरह अंगड़ाई सी लेते हुए ये ख़ूबसूरत पहाड़ बादलों को चूमते दिखाई देते है। इस खूबसूरती को देखने के लिए हिम्मत और पहाड़ो से प्यार होना जरूरी है तभी आपको इज़की खूबसूरती से प्यार हो होगा।
अगर गौर करे तो सड़क चलते ही आपको ऐसे खूबसूरत नजारे दिख जाएंगे कि आप बिना क्लिक किये नही रह सकेंगे। और आपको प्रकृति से बेइंतहा प्यार होगा कि आप उससे जुड़ते चले जायेंगे।
तो डर को भगाए और एक बार प्रेम कक भाषा मे इन नजारों से बात करने की कोशिश तो कीजिये आप इनमें डूबकर राह जाएंगे और अब तक आपकी प्रेम की परिभाषा ही बदल जाएगी।
देहरादून से सुवाखोली होते हुए मोरियाना से नीचे चिन्यालीसौड़ कज तरफ उतरते हुए ये नजारे सड़क से ही साफ देखे जा सकते है।
अगर आपको इन  खूबसूरत नजारों से प्यार हो जाय तो एक प्रेम का शब्द जरूर लिखे ताकि पर्यटन विभाग के बड़े अधिकारियों को भी इस खूबसूरती के दूर दर्शन हो सके।
एक प्रयास अपने खूबसूरत पहाड़ो के लिए।
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