नो-कोड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म नई डिजिटल क्रांति के विचार के साथ आगे बढ़ रहा

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देहरादून। नो-कोड टेक्नोलॉजी, दरअसल इस सोच को अमल में लाने का तरीका है कि लोग कोड लिखे बिना या कोडिंग करने का तरीका जाने बिना भी सॉफ्टवेयर तैयार कर सकें। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के तरीके को आम लोगों के लिए आसान बनाकर दुनिया के हर कारोबार को डिजिटाइज करने के इरादे के साथ क्विक्सी प्लेटफॉर्म को विकसित किया गया था। दुनिया की आबादी के सिर्फ 0.03ः लोग ही कोड लिख सकते हैं और एप्लिकेशन तैयार कर सकते हैं, जिससे पता चलता है कि आज के जमाने में डिजिटाइजेशन की भारी मांग के बावजूद कोडिंग के जानकार लोगों की भारी कमी है। डिजिटल सॉल्यूशन तैयार करने के लिए दो चीजें यानी फंक्शन डोमेन की गहरी समझ और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कोड लिखने की जानकारी बेहद जरूरी हैं। ऐसे लोगों की संख्या बेहद कम है, जिन्हें डोमेन की गहरी समझ के साथ-साथ कोड लिखने की जानकारी है। यहीं पर नो-कोड टेक्नोलॉजी काम आती है, जहाँ क्विक्सी जैसे प्लेटफॉर्म ऐसे लोगों को भी कोड लिखने की जानकारी के बिना सॉल्यूशन तैयार करने के योग्य बना देते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी की ज्यादा जानकारी नहीं है। कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति ऑटोमेशन कर सकता है तथा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बनाने और बेचने के कौशल का व्यावसायिक रूप से फायदा उठा सकता है।
इस टेक्नोलॉजी कंपनी का मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है, जिसके पास देश भर से 190 से अधिक विशेषज्ञों की एक टीम है, और वे अपने घर से कंपनी के लिए काम करते हैं। क्विक्सी ने 2022 के अंत तक विकसित होने तथा क्विक्सी परिवार में 300 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है।
इस अनोखी टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए,गौतम निम्मागड्डा, संस्थापक एवं सीईओ, क्विक्सी, ने कहा, “नो-कोड की तकनीक से बड़े पैमाने पर बदलाव लाया जा सकता है और इसी वजह से दुनिया भर के लोगों में इसके प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। इससे कार्यक्षमता या मूल्य में काफी बढ़ोतरी होती है, और इसमें कोई शक नहीं है कि अब दुनिया वैकल्पिक रूप से सॉल्यूशन तैयार किए जाने के तरीकों के बारे में विचार कर रही है। मूल बात यह है कि, क्विक्सी बिल्कुल नई टेक्नोलॉजी की मदद से एप्लीकेशन बनाता है। इन तकनीकों के साथ-साथ अव्वल दर्जे की हमारी अपनी टेक्नोलॉजी उपयोगकर्ताओं के लिए ऐप बनाने की प्रक्रिया को तेज करती है।”
क्विक्सी इस बात पर बल देता है कि हर किसी को ऐसे ऐप्स बनाने में सक्षम होना चाहिए, जो स्केलेबल हों और असली समस्याओं को हल कर सकें। इस डोमेन की जानकारी तथा व्यवसाय से संबंधित समस्याओं को अच्छी तरह समझने वाला कोई भी व्यक्ति क्विक्सी नो-कोड प्लेटफॉर्म के साथ सिटीजन डेवलपर बन सकता है, जो एंटरप्राइज-ग्रेड एप्लिकेशन बना सकता है। कंपनी के ग्राहक 22 से ज्यादा देशों में मौजूद हैं, जिसमें मध्यम-बड़े पैमाने के उद्यम और सरकारें शामिल हैं। सरकारी संस्थानों की बात की जाए तो, क्विक्सी को इस क्षेत्र में विश्व स्तर पर बड़ी संभावनाएं नजर आई हैं जहां सरकारी एजेंसियां सेवाओं को तेजी से नागरिकों तक पहुंचा सकती हैं तथा अपने कामकाज के तरीके को ऑटोमेट करके अपनी क्षमता को बेहतर बना सकती हैं, जिन पर अब तक ध्यान ही नहीं दिया गया था। इसकी वजह यह है कि पारंपरिक तरीकों में अधिक समय खर्च होता है, या फिर ऐसी तकनीक 5 साल से अधिक पुराने होने की वजह से बेकार हो जाती हैं। क्विक्सी ने यह भी समझा कि सॉल्यूशन बनाने के बाद भी उसका रखरखाव करना सरकारी एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है और वे उस समय विशेष तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता के कारण अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी पर एक ही तरीका आजमाते रहते हैं। क्विक्सी ने यह जान लिया कि नो-कोड प्लेटफॉर्म को अपनाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

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