विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि शासन एवं विभागीय अधिकारी मिलकर सरकार की छवि को धूमिल करने की दिशा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मुख्य सचिव अधिकारियों पर नकेल डालने में नाकाम साबित हो रहे हैं तथा कई बार अपना दर्द सार्वजनिक कर चुके हैं।
बेहतर होता कि मुख्य सचिव ये जिम्मेदारी छोड़कर किसी और को मौका देते। नेगी ने कहा कि जनता का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि उनके शिकायती पत्र, मांग पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, विभागों में पत्र ढूंढे नहीं मिलते। आलीशान कार्यालयों में बैठे अधिकारी जनता की समस्या का निराकरण करने की बजाय उसमें इजाफा करने में लगे हैं। अधिकारियों की गैर हाजिरी, लेटलतीफी भी जनता की परेशानियों में इजाफा करने का काम करती है। नेगी ने कहा कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शासन द्वारा शासन को संदर्भित पत्र पटल पर पड़े-पड़े दम तोड़ रहे हैं तथा जब पीड़ित पक्ष अपने पत्रों की व्यक्तिगत रूप से खोजबीन करता है तब जाकर पत्रावली मूवमेंट करती है। कमोवेश यही हाल विभागीय अधिकारियों का है, जो शासन के पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, उनको खोजने की जहमत तक नहीं उठाते। कई बार शासन इतना लाचार हो जाता है कि विभागीय अधिकारियों को अनुस्मारक पर अनुस्मारक भेजने के बाद भी जवाब नहीं मिलता। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि मुख्य सचिव के साथ-साथ शासन एवं विभागों में जमे अधिकारियों पर शिकंजा कसने का काम करें। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।