श्रीनगर गढ़वाल रूस और यूक्रेन में हो रही तना तनी में फंसे भारतीय युवाओ को लेकर उनके परिजन बेहद चिंता में है . श्रीनगर से भी दो एमबीबीएस छात्र यूक्रेन के चेरनाविदसी शहर में फंसे हुए है, जहा एमबीबीएस के छात्र डर के साये में जीने को मंज़बूर है वहीं श्रीनगर में इनके परिजनों ने अपने बच्चो की चिंता में खाना पीना तक छोड़ दिया है, सबकी आस अब भारत सरकार पर टिकी हुई है ।
श्रीनगर के बिलकेदार की रहने वाली आकांक्षा कुमारी कुमारी के पिता ने पिछले दो दिनों से खाना तक नही खाया है , जब मीडिया ने आकांक्षा के पिता ईस्वर प्रसाद से बात की तो ईस्वर प्रसाद कैमरे के सामने ही रो पड़े, उन्होंने बताया कि उनकी बच्ची दो दिन से बंकर में फंसी हुई है, बेटी ने फ़ोन पर बएत करते हुए बताया कि उसके पास कैस खत्म हो चुका है और atm भी यहां काम नही कर रहे है । मेडिकल सुविधा भी यहां बन्द हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इंडियन एंबेसी उनके सम्पर्क में है। पासपोर्ट के आधार पर उनसे डिटेलिंग ली जा रही है। उन्हें बताया गया कि इंडियन एंबेसी उन्हें नज़दीकी देश रोमानिया ले जाने की पहल कर रही हैं।ईस्वर प्रसाद ने बताया कि उतराखण्ड सरकार और पुलिस विभाग भी बेटी के बारे में जानकारी जुटा रही । उन्होंने कहा बेटी की बहुत चिंता हो रही है। वही आकांक्षा के भाई ने भी कहा बहन की बहुत टेंसन उन्हें हो रही है । बहन से हर समय बात करने का मन कर रहा है । बार बार बहन का ख्याल रहता है ।
श्रीनगर के ही रहने वाले रोहित वर्मा भी चेरनाविदसी में फंसे हुए है वे भी यहां एमबीबीएस 3 ईयर में वहां पढ़ते है। यहां श्रीनगर में भी उनको लेकर उनके परिजन परेसान है । परिजन हर समय बेटे रोहित के सम्पर्क में है उन्हें भी अपने बच्चे की सुरछा को लेकर चिंता जता रहे है।