आगमी चुनावो को देखते हुए कांग्रेस पार्टी की चुनावी गणित फेल होती नजर आ रही है | बीते महीने निषादों पर पुलिसिया कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की पद यात्रा को उस वक्त झटका लगा जब निषादों ने उन्हें अपने गाव में रुकने तक नहीं दिया | 3 मार्च को नदी बचाओ यात्रा को छतवा में रात्रि विश्राम करना था जैसे ही पार्टी कि गाडियों का काफिला छतवा कार्यक्रम स्थल पर पंहुचा वह मौजूद निषादों ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नारे बजी करते हुए उन्हें वापस लौटा दिया | निषाद विरादरी के फते बहादुर निषाद ने खरी खोटी सुनाकर कांग्रेस को वहा से भागने पर मजबूर कर दिया; हालाँकि पार्टी ने कुछ निषाद नेताओ को सुलहनामा करने के लिए भी भेजा पर बात बनी नहीं |
अंकित तिवारी प्रयागराज
कांग्रेस का नदी अधिकार यात्रा बसवार गांव प्रयागराज से माझी घाट बलिया तक हो रही है जिसका नेतृत्व खुद उत्तरप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लल्लू सिंह कर रहे है | कांग्रस कि माने तो वर्ष 1963 में कांग्रेस पार्टी ने ही निषादों को बालू और मिटटी पर उनका अधिकार दिलाया था जिसे बाद में वर्ष 1979 में गैर कांग्रेसी सरकारों से हटा दिया था | इसी के चलते कांग्रेस कि नदी अधिकारी यात्रा संचालित हो रही है |
आरोप है कि बसवार गांव मे 4 फरवरी को निषाद समाज के लोंगो के ऊपर पुलिसिया हमला हुआ था| दर्जनों निषादो की नाव तोड़ी गई थी उसके बाद ये गांव राजनितिक पार्टियों के लिए चुनावी अखाडा बन गया कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी यहाँ आई और 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता भी की| छोटी – बड़ी सभी पार्टी नेता निषाद समाज को लुभाने के लिए अपने अपने हथकंडे अपनाने लगे| कांग्रेस इसको लेकर 1 मार्च से 20 मार्च तक गंगा के किनारे बसे निषाद बिरादरी के हक़ हकूक के लिए पद यात्रा निकाल रही है | कांग्रेस पार्टी की मांग है कि बालू खनन माफिया राज ख़त्म किया जाये | बसवार गांव की घटना की न्यायिका जाँच हो और दोषी पुलिसकार्मियों पर कार्रवाही हो| साथ ही बालू और मिटटी पर अधिकार के साथ ही नदियों मे मछली मारने का भी निर्बाध अधिकार निषादों को दिया जाय | उप सरकार द्वारा नदियों मे नाव द्वारा बालू खनन पर लगी रोक को हटाया जाये| नदियों के किनारे खेती का पारम्परिक अधिकार का सुनिश्चित किया जाये | बताते चले कि निषाद बियादरी O B C में आते है |