पंतनगर/रूद्रपुर। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को मण्डी निदेशालय सभागार में उत्तराखण्ड सीड्स एवं तराई विकास निगम की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि टीडीसी की सफलता एवं असफलता की जिम्मेदारी टीडीसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर निर्भर है। उन्होंने समीक्षा के दौरान निगम के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि टीडीसी को घाटे से उबारने के साथ ही टीडीसी के भविष्य में सफल संचालन हेतु अपने-अपने अनुभवों का बेहतर उपयोग करते हुए प्रभावी कार्य योजना तैयार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि टीडीसी की आय में बढ़ोत्तरी हेतु देश के विभिन्न राज्यों में डीलर बनाना सुनिश्चत करें ताकि टीडीसी द्वारा तैयार सीड्स को सभी क्षेत्रों में आसानी से बैचा जा सके।
उन्होंने बीजों के विपणन व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए बिक्री सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टीडीसी द्वारा अदरक बीज उत्पादन पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रजातियों के गुणवत्तायुक्त सीड्स तैयार करने के लिए उत्पादन क्षमता वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जाये और सीड्स उत्पादन हेतु सर्वे भी किये जाये। उन्होंने प्रबंध निदेशक को टीडीसी की सभी व्यवस्थाओं को शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने संचालित संयत्रों, पदों की स्थिति, वर्ष में संचालित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये।
उन्होंने उत्तराखण्ड मंडी परिषद की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि अन्तिम छोर पर बैठे कृषकों तक मण्डी परिषद की योजनाओं का लभा मिले। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, किसानों की समस्याओं के निराकरण में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाये। इसके साथ ही उन्होंने मण्डी परिषद के अधिकारियों को विभिन्न महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये। बैठक में पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, कृषि सचिव शैलेष बगौली, उप निदेशक मण्डी निर्मला बिष्ट के अलावा प्रबंध निदेशक जीवन सिंह नगन्याल, महाप्रबंधक पीके सिंह, लच्छीराम आर्य दीपक पांडे, सीके सिंह बीके पांडे नकुल जोशी पीके सिंह, श्रीकांत शर्मा सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।