वन मंत्री को तीन महीने की सजा और एक हजार रु का अर्थदण्ड – कोर्ट की ज़ीरो टोलरेंस – हर तरफ से आफत ?

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उत्तराखंड की राजनीति मे लंबे समय से अरकते फरकते रहे कैबनेट मंत्री कभी काँग्रेस तो कभी बीजेपी मे उछल कूद करते दिखाई देते रहे है|

एक बार फिर कूदने – फांदने की फुसफुसाहट पर बीजेपी संगठन ने जो बत्ती गुल की तो उससे हरक अभी भी नहीं उबर पाये थे कि कोर्ट ने भी एक पुराने मामले मे सजा दे दी | तभी तो कहते है कि आफत आती है तो चारो तरफ से

उत्तराखंड के वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को आचार संहिता उल्लंघन मामले में 3 माह का साधारण कारावास व 1 हजार का अर्थदंड हुआ। रुद्रप्रयाग जिला न्यायालाय में वर्ष 2012 के विधनसभा चुनावो के दौरान का यह पूरा मामला था। जिला न्यायालय रुद्रप्रयाग में वन मंत्री को सजा सुनाई गई। 2012 विधनसभा का चुनाव डॉ हरक सिंह रावत द्वारा रूद्रप्रयाग की विधानसभा से लड़ा गया था जिनमें उन्हें जीत भी हासिल हुई थी। लेकिन चुनाव के दौरान हरक सिंह रावत व उनके समर्थकों द्वारा सरकारी कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की गई जिसके बाद उनके खिलाफ आचार सहिता उलाँघन का मामला दर्ज किया गया था। पिछले 8 वर्षों से यह मामला रुद्रप्रयाग न्यायालय में चल रहा था जिसमें अनेकों बार मंत्री हरक सिंह रावत को कोर्ट में पेश होना पड़ा। हालांकि इस बात का अंदेशा पहले से लगाया जा रहा था कि मंत्री हरक सिंह रावत आचार संहिता मामले में बच नहीं पाएंगे। बीते रोज न्यायालय का फैसला आया तो उन्हें धारा 143 के तहत दोषी करार दिया गया व तीन माह का साधारण कारावास व एक हजार का अर्थदंड की सजा उन्हें सुनाई गई। हालांकि अपीलीय अवधि तक विचारणीय कोर्ट ने मंत्री हरक सिंह को जमानत दे दी है।
के पी रौथाण, अधिवक्ता

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