चार धाम यात्रा सुरु होने से पहले ही इसे कोरोना कि नजर लग चुकी है | यात्रा से जुड़े व्यवास्यियो कि माने तो बिना उनसे बैठक और राय मशवरे के नयी SOP जारी कर दी गयी है | पिछले वर्ष के अनुभव से डरे परिवहन से जुड़े लोग 50 % सीट के साथ यत्रा चलने में असमर्थता जाता चुके है | उन्होंने कहा कि बढती हुई डीजल कि कीमतों को देखते हुए उनके पास अपनी बसों को खड़ा रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है |
अमित कण्डियाल, ऋषिकेश
राज्य में उत्तराखंड प्रशासन चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर कई बैठक कर चुका हैं। वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा में कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा हैं। सरकार द्वारा जारी SOP ने चारधाम यात्रा से जुड़े परिवहन व्यवसायियों को इस वर्ष भी बड़ा झटका दे दिया हैं।
दरसल चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश से चारधाम यात्रा का शुभारंभ होता हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा नहीं चल पाई और इस वर्ष भी चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले कोरोना संक्रमण रिवर्स गियर लगाकर तेजी से बढ़ने लगा है। बढ़ते करोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने भी SOP जारी कर दी है। सरकार द्वारा जारी की गई SOP में परिवहन व्यवसायियों को 50 प्रतिशत सवारी बैठाने को लेकर जोर दिया गया हैं। 50 प्रतिशत सवारी बैठाने पर सवारियों पर भी किराये का अतिरिक्त भार पढ़ेगा। जिसके चलते संभावना है कि यात्रा में आने वाले श्रद्धालु बढ़ते किराये की वजह से संकोच भी करेंगे।
सयुंक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने बताया कि सरकार ने बिना परिवहन व्यवसायियों को विश्वास में लिए SOP जारी कर दी। सरकार अगर इस प्रकार की SOP जारी करती रहेगी , तो यात्रा से जुड़े परिवहन व्यवसाई कटोरा लेकर सड़क पर आ जाएंगे।
मनोज ध्यानी ( अध्यक्ष , संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति )