पिथौरागढ़। दारमा में बारिश से चल गांव के पास नाला ऊफान पर आ गया था। जंगलों में कीड़ा जड़ी दोहन के लिए गए ग्रामीणों को वापस लौटते समय नाला पार करना पड़ा। ऊफान पर आए नाले तक पहुंचने के लिए उन्घ्हें रस्सियों का सहारा लेना पड़ा। इस सूचना के बाद एसडीआएफ, एनडीआरएफ की टीम भेजी गई। प्रशासन से मिली सूचना के अनुसार जिले में कही भी बादल नहीं फटा है। किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
ग्रामीणों के अनुसार दारमा के चल गांव को जोड़ने वाली धौलीगंगा नदी में एक ट्राली बह गई है। चल के ग्रामीण दिनेश सिंह चलाल ने एसडीएम धारचूला से इस स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है। कीड़ा-जड़ी के लिए जंगल गए लोगों को भारी बारिश के बीच चट्टानी मार्ग से और ऊफान पर आए नाले को पार करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी। जान हथेली पर रख ग्रामीण लौटे।
धारचूला के निकट दोबाट में टनकपुर तवाघाट हाईवे बंद होने से चीन सीमा का संपर्क भंग है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम व उच्च हिमालय को जाने वाले वाहन दोबाट में फंसे हैं। वहीं धौलीगंगा नदी में ट्राली बहने और 200 सौ लोगों के फंसने की कोई सूचना नहीं है। प्रशासन के अनुसार किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। जिले में 13 मार्ग बंद है।
चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट -लिपुलेख मार्ग पेलसिती के पास मलबा आने से बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय गए वाहन फंसे हैं। धारचूला से तवाघाट के मध्य दोबाट में और तवाघाट -पांगला के मध्य मलघाट के पास भी मलबा आ चुका है।
तवाघाट – लिपुलेख मार्ग में पेलसिती और मलघाट के पास मार्ग बंद हो्ने से व्यास घाटी का सम्पर्क भंग हो चुका है। चीन सीमा से लगे गांव अलग-थलग पड़ चुके हैं। उच्च हिमालय से लौट रहे वाहन फंसे हुए हैं। बीआरओ द्वारा मलबा हटाने के कार्य किया जा रहा है।
सीमांत में बारिश का दौर जारी है। बारिश के चलते मलबा आने और सड़क टूटने, धंसने से एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं। गंगोलीहाट- चैरपाल मार्ग में कई मीटर सड़क धंस चुकी है। सातसिलिंग -थल मार्ग पर दो पूर्व गिरा मलबा नहीं हटाए जाने से वाहन संचालन प्रभावित हो रहा है। सड़क के किनारे सुरक्षा दीवार नहीं होने से दुर्घटना का अंदेशा बना है। जिले में एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं। जिससे एक लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है।