नमामि गंगे सहित गंगा स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च होने के साथ ही मंचों पर भी लगातार दिये जा रहे प्रवचनों में यही बताया जा रहा है कि गंगा को स्वच्छ किस तरह से रखना है ?
लेकिन गंगा को स्वच्छ रखेगा कौन ?
कौन देखेगा कि गंगा स्वच्छ हो रही है या नहीं?
कौन देखेगा कि गंगा को में प्रदूषण कौन कर रहा है ?
क्या बिना चालान के, बिना दंड के , बिना कानूनी कार्यवाही के लोग नहीं सुधरेंगे
जी हां हम बात कर रहे हैं शिव नगरी उत्तरकाशी जो गंगा और यमुना का मायका कहा जाता है जिला मुख्यालय से लगे मांडव गांव के पास नदी के किनारे गंगा नदी के किनारे मरी हुई गाय के शव को ऐसे ही फेंक दिया गया है
यह पहली घटना नहीं है जब इस तरह से गंगा मां को मरने के बाद ही गंगा किनारे छोड़ दिया गया
पहले भी इस तरह की कई घटनाएं होती रही हैं लेकिन शिकायत किससे करें
नगर पालिका अपनी सीमा से बाहर होने की बात कहता है तो जिला पंचायत हाथ ही नहीं आता है
डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त हैं तो साधु समाज मीडिया से अपनी चिंता जाहिर कर रहा है तो क्या ऐसे ही चलता रहेगा गंजा गंगा स्वच्छता अभियान,