देहरादून/हरिद्वार। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गयी है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं नौ दिनों तक तमाम मंदिरों में ऐसी ही भीड़ देखने को मिलेगी। क्यों कि नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के अलग.अलग स्वरूपों को समर्पित है। मां दुर्गा की आराधना का पवित्र पर्व शारदीय नवरात्र आज रविवार से शुरू हो गया है। नौ दिनों तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की धूम रहेगी। इसके लिए शहर में पंडाल सज गए हैं। रविवार को घट स्थापना की गयी। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत मानी जाती है। पहले दिन माता के प्रथम सवरूप शैलपुत्री की पूजा की गयी। सुबह से ही मंदिरों में भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी।
रविवार को कलश स्थापना के लिए पंडितों ने शुभ मुहूर्त बताए है। आचार्य सुशांत राज ने बताया कि, शारदीय नवरात्र के नौ दिनो तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता रानी धरती लोक पर विचरण करती हैं। प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 14 अक्तूबर को रात 11.24 बजे से होगी और 15 अक्तूबर को रात 12.32 बजे तक रहेगी। वहीं, इससे पहले शनिवार को घर-घर में भक्तों ने श्रद्धा के साथ सांझी मां की स्थापना की गई। मां आदिशक्ति के स्वरूपों के साथ शारदीय नवरात्र पर सांझी मां की भी रोजाना पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्र में इस बार मां हाथी पर सवार होकर आई है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, नवरात्रि की शुरुआत जिस दिन होती है, उसके आधार पर उनकी सवारी तय होती है। रविवार या सोमवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं।