सितारगंज : पीपी मोड़ का विरोध – किसान खुद चलाएंगे चीनी मिल

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किसानों ने किया पीपीपी मोड़ का विरोध। 

सितारगंज।

सितारगंज पहुचे प्रदेश के गन्ना मंत्री ने चीनी मिल का निरीक्षण कर मिल को पीपीपी मोड़ पर शुरू करने की बात कही है इस दौरान किसान नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया है |

बता दें सितारगंज चीनी मिल को 1 दिसंबर 2017 को त्रिवेंद्र सरकार ने नुक्सान का हवाला देते हुए कैबिनेट बैठक के बाद चीनी मिल को अचानक बंद कर पीपीपी मोड पर चलाने का निर्णय लिया था। चीनी मिल बंद की खबर मिलते ही मिल के लगभग सात सौ कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर सड़कों पर उतर आए थे और सरकार का तीन माह तक विरोध किया था। इसके बाद 3 अप्रैल 2018 को कुछ कर्मचारियों को बीआरएस देकर निकाल दिया था। जिसके बाद 2 दर्जन से अधिक कर्मचारी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे और आज भी मामला विचाराधीन है

चार साल बाद बृहस्पतिवार को प्रदेश के गन्ना मंत्री यतीश्वरानंद ने सरकडा में स्थित चीनी मिल का निरीक्षण किया। गन्ना मंत्री के पहुंचने की सूचना किसानों को लगी तो किसान नेता भी वहां पहुंच गए और उन्होंने गन्ना मंत्री के समक्ष ही चीनी मिल को पीपीपी मोड पर चलाने का कड़ा विरोध किया। इस दौरान गन्ना मंत्री ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि चीनी मिल को पीपीपी मोड पर टेंडर प्रक्रिया के बाद शुरू किया जायेगा। उधर किसानों का विरोध देख गन्ना मंत्री ने किसानों से बात की उन्होंने देहरादून आकर वार्ता करने को भी कहा है। वही किसान नेताओ ने कहा कि हम इस चीनी मिल में शेयर होल्डर हैं हम चीनी मिल के मालिक हैं उन्होंने सरकार के पीपीपी मोड पर चीनी मिल को चलाने का  विरोध किया। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों का बोर्ड बनाए चीनी मिल को किसान चलाएंगे कहा कि जब किसानों का यहाँ बोर्ड था तो मिल फायदे में थी सरकार के हाथो में जाने के बाद मिल को नुक्सान हुआ है कहा सरकार और अधिकारी प्रदेश के पूर्व के गन्ना मंत्री ही नुकसान के जिम्मेदार हैं गन्ना मंत्री के साथ सांसद अजय भट्ट क्षेत्रीय विधायक सौरभ बहुगुणा विधायक पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। 

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