सिविल सेवा परीक्षा में उत्तराखंड के छह युवाओं ने मारी बाजी

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देहरादून। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 की अंतिम परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए हैं। उत्तराखंड के रामनगर के शुभम अग्रवाल ने सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 43वीं रैंक हासिल की है। जिससे उनके परिवार में जश्न का माहौल है। शुभम वर्तमान में कानपुर रिजर्व बैंक में मैनेजर हैं। इस समय वह वहीं हैं।
मूल रूप से भवाली निवासी अमित दत्त की सिविल सेवा परीक्षा में 761 रैंक है। अमित ने सरस्वती अकेडमी अल्मोड़ा से इंटर की परीक्षा पास की। अमित की माता का नाम शारदा देवी व पिता का नाम सुनील दत्त है। सिविल सेवा परीक्षा 2019 के परिणाम में पहले स्थान पर प्रदीप सिंह रहे। दूसरे स्थान पर जतिन किशोर और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा हैं। परीक्षा के माध्यम से कुल 829 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इसमें जनरल कैटेगरी के 304 उम्मीदवार, ईडब्ल्यूएस के 78 उम्मीदवार, ओबीसी के 251, एससी  के 129 और एसटी के 67 कैटेगरी के उम्मीदवार शामिल हैं। इसके साथ ही सिविल सेवा परीक्षा में दून की बेटी विशाखा डबराल ने ऑल इंडिया 134वीं रैंक हासिल की। इससे पहले भी वह एक बार 134वीं रैंक हासिल करके वर्तमान में गुजरात में आईपीएस हैं। रुड़की के ओजस्वी राज ने 227वीं व दून निवासी मुकुल जमलोकी ने परीक्षा में 260वीं रैंक हासिल की है। मुकुल इस वक्त इंडियन पोस्टल सर्विस का प्रशिक्षण ले रहे हैं। गोपेश्वर के रहने वाले प्रशांत की 397वीं रैंक है। वहीं बाजपुर, ऊधमसिंह नगर के ऋजुल ने भी सिविल सेवा परीक्षा में 702वीं रैंक हासिल की। वह वर्तमान में राज्यसभा में कार्यरत हैं। जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर की बेटियों ने भी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है। नेवी गांव निवासी सृष्टि ने 734वीं और त्यूणी तहसील अंतर्गत देवाघार खत के मेघाटू गांव निवासी श्रुति शर्मा ने 775वीं रैंक हासिल की। भवाली निवासी अमित दत्त ने 761 रैंक प्राप्त की। देर शाम तक सामने आए नतीजों में इन होनहारों के नाम सामने आए हैं। यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा में चमोली के खाल भिकोना गांव निवासी प्रशांत बादल नेगी ने 397वीं रैंक प्राप्त की है। प्रशांत का कहना है कि सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और एकाग्रता बेहद जरूरी है। इस सफलता को अर्जित करने के लिए सात साल तक कड़ी मेहनत की। प्रशांत ने इंटर तक की पढ़ाई जीआईसी गोपेश्वर में करने के बाद ग्रेजुएशन नोएडा से की। वर्ष 2019 में साइकोलॉजी से नेट क्वालीफाइड किया है। प्रशांत के पिता हरेंद्र सिंह नेगी गोपेश्वर में व्यवसायी हैं और माता पूनम नेगी गृहणी हैं। पिता हरेंद्र नेगी ने बताया कि प्रशांत के दादा बाग सिंह नेगी का अपने पोते को प्रशासनिक सेवा में भेजने का सपना था, जो आज पूरा हो गया है। प्रशांत ने बताया कि माता-पिता के साथ ही शिक्षक मुकुल पाठक और दोस्त जितिन भोला ने उसे आगे बढ़ने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य किया।

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