उत्तराखंड कॉंग्रेस मे नेतृत्व मे एका का हर संभव प्रयास के बाद थक हार कर किनारे बैठ चुके किशोर उपाध्याय अब वयस्क हो चुकी अपनी पार्टी को उसकी नियति पर छोडने का मन बना चुके है | उत्तराखंड के पहाड़ी मूल निवासियों के दर्द को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे किशोर ने जब प्रियंका गांधी वड्रा के 40 % सीट महिलाओ के लिए आरक्षित करने की मांग का समर्थन किया तो राजनीति के पंडित इसका नफा नुकसान लगाने मे जुट गए है | इसके लिए विरोधी दल की तरफ देखने की जरूरत नहीं अपने ही दल मे इसकी कोई कमी नहीं दिखाई देती है |
किशोर उपाध्याय ने आगामी विधान सभा चुनाव में सभी राजनैतिक दलों से 40% महिला उम्मीदवार उतारने का आग्रह किया है।
पूर्व विधायक व वनाधिकार आन्दोलन के संस्थापक-प्रणेता किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी श्री देवेंद्र यादव, सर्व श्री हरीश रावत, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह, नव प्रभात व प्रदेश के सभी विपक्षी दलों के अध्यक्षों को पत्र लिखकर उत्तराखंडियों को वनों पर उनके हक़-हक़ूक़ दिलवाने हेतु आग्रह किया है।
श्री यादव को भेजे पत्र में उपाध्याय ने कहा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महामंत्री श्रीमती प्रियाँका गांधी वाड्रा जी ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय समुदायों को वनों व जल सम्पदा पर उनके हक़ूक़ देने का वायदा किया है, साथ ही साल में तीन रसोई गैस सिलेण्डर मुफ़्त देने का संकल्प किया है।
उपाध्याय ने श्री यादव से कहा है कि जैसे प्रियाँका जी ने आगामी विधान सभा चुनाव में 40% टिकिट महिला शक्ति को देने का संकल्प लिया है, नारी विमर्श के उद्गम उत्तराखंड में भी आगामी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस व अन्य दल 40% महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारें।
उपाध्याय ने आशा व्यक्त की कि सभी राजनैतिक दल उनके इस सुझाव को अंगीकार करेंगे।
उपाध्याय ने कहा कि वे लम्बे समय से उत्तराखंडियों को वनों पर उनके पुश्तैनी अधिकार व हक़-हक़ूक़ दिलवाने हेतु संघर्ष कर रहे हैं, जिसमें वे
“परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार पक्की सरकारी नौकरी, केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण , बिजली पानी व रसोई गैस निशुल्क , जड़ी बूटियों पर स्थानीय समुदायों को अधिकार, जंगली जानवरों से जनहानि होने पर परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी तथा ₹ 50 लाख क्षति पूर्ति, फसल की हानि पर प्रतिनाली ₹ 5000/- क्षतिपूर्ति, एक यूनिट आवास निर्माण के लिये लकड़ी, रेत-बजरी व पत्थर निशुल्क, शिक्षा व चिकित्सा निशुल्क, उत्तराखंडी OBC घोषित हों, भू-क़ानून बने, जिसमें वन व अन्य भूमि को भी शामिल जाय और राज्य में तुरन्त चकबंदी हो।” की माँग कर रहे हैं।