देहरादून। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विरेंद्र सिंह बिष्ट ने मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह का वायरल वीडियो स्पष्ट करता है कि कांग्रेस के नेताओं के लिए प्रशासनिक नियम कानून, न्याय प्रणाली और नैतिकता कोई मायने नहीं रखती है। उनका जो तथाकथित वीडियो जनता के बीच है, उसे देखने से एक नजर में पता चलता है पूरा वार्तालाप जानबूझ कर जनता में फर्जी छवि गढ़ने के लक्ष्य को लेकर बनाया गया। इसमें हरक का यह स्वीकारना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि मंत्री रहते वे किस तरह न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाते थे। उनकी यह स्वीकारोक्ति कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को कमेटी आदि बनाकर किस तरह लंबे समय तक अटकाया। उस पर राजनैतिक लाभ के लिए, पद और गोपनीयता की शपथ लेने वाले व्यक्ति का बतौर मंत्री क्रियान्विहित सरकारी प्रक्रिया को सार्वजनिक करना नैतिकता और कानूनी दृष्टि से भी अपराध है। जिस तरह वीडियो को बनाया गया और वायरल किया गया, वो पूरी तरह दर्शाता है कि जनता के सामने खुद को कानून से ऊपर दर्शाकर सहानुभूति लेने का प्रयास है।
श्री बिष्ट ने कहा, इससे पहले भी हरक के इसी तरह के अनेकों विवादित वीडियो वायरल हुए हैं जिसमे एक स्टिंग प्रकरण में तो वे पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ आज भी मुकद्दमे का सामना कर रहे हैं। वहां वे न्यायालय और जांच एजेंसी से केस वापिस लेने की गुहार लगा रहे हैं और इस विडियो में न्यायलय के ही आदेशों को दरकिनार करने के तरीके बता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस विडियो ने हरक के साथ समूची कांग्रेस नेताओं का चाल चरित्र एक बार फिर सार्वजनिक किया है, क्योंकि उनकी पार्टी में ऐसा करने वाले वह इकलौते नेता नही हैं । यह वायरल वीडियो, कांग्रेस पर लगने वाले आरोपों को सही साबित करता है कि न्यायालय के आदेशों और सरकारी योजनाओं व नीतियों को लटकाने भटकाने में वे माहिर हैं।