अब आयुक्त की नियुक्ति की तैयारी!
भ्रष्टाचार के खिलाफ सीधी चोट
उत्तराखंड के बदहाल स्वास्थ्य विभाग में इतिहास रचने वाला बदलाव शुरू हो चुका है।
पहली बार, विभाग में स्वतंत्र आयुक्त की नियुक्ति की तैयारी हो रही है — जो पूरे सिस्टम पर सीधी निगरानी रखेगा।
यह फैसला हाल के महीनों में उजागर हुए घोटालों, अनियमितताओं और जनता के गुस्से का नतीजा है।
दो नाम, जिनसे हिली व्यवस्था
इस क्रांति के पीछे हैं —
सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार पाण्डे और RTI योद्धा चंद्र शेखर जोशी।
सरकारी फाइलों में दर्ज शिकायतों में, स्वास्थ्य महानिदेशालय ने जिन आरोपों को गंभीरता से लिया, उनमें सिर्फ दो ही नाम सामने आए — यही दर्शाता है कि लाखों की चुप्पी के बीच ये दोनों अकेले खड़े थे।
शिकायतों से लेकर न्यायालय तक
दोनों ने भ्रष्टाचार की परतें उधेड़ते हुए अपनी शिकायतें प्रधानमंत्री कार्यालय, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, ई.डी., मुख्य सचिव और हाईकोर्ट तक पहुंचाईं।
RTI, जनहित याचिकाओं और ठोस साक्ष्यों के दम पर इन्होंने सिस्टम के घपलों को बेनकाब किया।
आने वाले दिन और भी विस्फोटक
सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों कार्यकर्ता अब नए वित्तीय घोटालों, फर्जी बिलिंग, पदों के दुरुपयोग और जन स्वास्थ्य से जुड़े गंभीर मुद्दों पर दस्तावेज़-आधारित खुलासों की तैयारी में हैं।
यह सिर्फ शुरुआत है — असली तूफ़ान अभी आना बाकी है।
जनता के लिए लड़ाई, दबाव में भी हिम्मत बरकरार
चंद्र शेखर जोशी और संजय पाण्डे ने सत्ता के दबाव और सिस्टम की दीवारों से टकराते हुए भी अपने कदम पीछे नहीं खींचे।
“जब इरादे नेक हों, तो एक अकेला भी व्यवस्था को आईना दिखा सकता है,” यही इनकी कहानी कहती है।
सोचिए…
अगर दो लोग पूरे विभाग को पारदर्शिता की राह पर ला सकते हैं, तो हम सभी मिलकर पूरे सिस्टम को बदल सकते हैं।
बदलाव की शुरुआत हो चुकी है — अब इसे रुकने मत दीजिए। 🛡️
