सेवा निवृत्ति के बाद भी सरहद पर तैनात जवान अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटता है | उत्तरकाशी जिले के पुरोला में भारतीय सेना में रहते हुआ बतोर कमांडो राजेश सेमवाल ने सेवा निवृत्ति के बाद अपने घर को ही ट्रेनिंग कैंप बना डाला | अक्टूबर में सेवा निवृत्ति के बाद सिर्फ ४० दिन कि कड़ी ट्रेनिंग से राजेश के कैंप में 85 में से 65 बच्चे कोटद्वार सेना की भर्ती में सफल हो गए |
इसके बाद राजेश ने 300 लडकियों को ट्रेनिंग देना सुरु किया जो आने वाली सेना और पुलिस कि भर्ती के लिए तैयार हो रही है | राजेश ने बताया कि वे यमुना घाटी के गरीब परिवारों की लडकियों को निशुल्क शारीरिक प्रशिक्षण दे रहे है | इसके साथ ही आसपास के गाव में नशा मुक्ति अभियान भी चला रहे है | शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही लिखित पारीक्ष की भी तयारी करवा रहे है | सेवा निवृत्त सैनिक राजेश सेमवाल ने सामाजिक कार्यकर्ताओ से इन गरीब परिवार की बच्चियों की खुराक के लिए मदद कि गुहार लगायी है | कैंप में मौजूद लडकियों ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद उनके अन्दर जबरदस्त आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे किसी भी मुकाबले के लिए लडको से पीछे नहीं है |