उत्तरकाशी – नाली का पानी अब घरो मे घुसा – बिना प्लानिग के बसी कॉलोनी मे हर दिन विवाद

Share Now

उत्तरकाशी

बिना प्लानिंग के बसी जोशीयाड़ा कॉलोनी अब आपसी विवाद के लिए पहिचान बनाती जा रही है | भवन निर्माण मानको का पालन न किए जाने का खामियाजा अब इस पीढ़ी के लोगो को उठाना पड़ रहा है | पूर्व से सिंचाई के लिए बनाई गयी नहर मे डाला गया किचन और बाथरूम का पानी अब निचले इलाके मे लोगो के घरो मे घुस रहा है जो अक्सर विवाद का रूप ले लेता है | एक समय ग्रामीण क्षेत्र मे भवन मनको के बिना अनधिकृत रूप से बसी हुई कॉलोनी पर नगर पालिका और जिला प्रशासन ने भी समाधान  निकालने से हाथ खड़े कर दिये है |

बिना  किसी प्लानिंग के क्यारी के खेतो के बीच आकार लेती जोशीयाड़ा कॉलोनी अब आपसी झगड़े और विवाद के लिए पहिचान बना चुकी है | आने – जाने के लिए रास्ते की परवाह किए बगैर बेतरतीब बनते रहे भवनो  के बीच इंसान तो किसी तरह  अब आड़े तिरछे होकर निकाल ही लेता है पर शादी ब्याह मे दुल्हन की डोली और किसी घायल व्यक्ति को अंदर के भवनो  से सड़क तक लाना बेहद  मुसकिल भरा काम है | जब तक इलाके मे भवन कम बने थे तब पर्याप्त स्थान खाली था तो कोई दिक्कत नहीं हुई लेकिन अब बसावट के बढ्ने के साथ ही आपसी विवाद भी बढ्ने लगे है | जोशीयाड़ा का यह इलाका जब खेती के लिए उपयोग मे आता था तब यहा सिंचाई के लिए नहर भी बनाई गयी थी जिस पर लोगो ने किचन और बाथरूम का पानी  जोड़ दिया|  सुरुवात मे जब तक यह पानी नाली से  अपने अंतिम छोर तक पहुचता रहा तब तक  किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई|  समय के साथ कुछ लोगो ने सिंचाई की इस नहर पर अवैध कब्जा कर लिया जिसके बाद नहर मे लोगो के घर का गंदा पानी ढलान के बाद लोगो के घरो मे घुसने लगा है | विगत तीन वर्षो से लोग इस समस्या को झेल रहे है कोई समाधान नहीं मिला तो डीएम ऑफिस मे मामला आया पूर्व डीएम डॉ आशीष कुमार ने 48 घंटे मे आख्या मँगवाई थी पर कोई फैसला नहीं हो सका इसके बाद 8 जनवरी 2021 को एक बार फिर इलाके के लोग फिर डीएम ऑफिस मे आ धमके | एक बार फिर आश्वासन  की घुट्टी मिली तो वापसा लौट आए | एक फरवरी को फिर से करीब  दो दर्जन लोगो का शिष्टमण्डल डीएम मयूर दीक्षित से मिलने पहुचा और पिछली कार्यवाही पर प्रगति रिपोर्ट के बारे मे जानकारी मांगी | ग्रामीणो ने सुझाव दिया कि उक्त नाली को अंतिम छोर तक कब्जा हटाते हुए  खोला जाय ताकि इसके अंदर का पानी एक दूसरे छोर तक सुगमता से पहुच  सके |

इस दौरान प्रभात राणा, गंगा पँवार , सुभाष बधानी , कमला देवी विमला देवी अतर सिंह पँवार जसवंत सिंह मुन्ना पँवार और लोकेन्द्र सिंह सामिल रहे |

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!