उत्तरकाशी मंदिर दरगाह के सेवादार ने उत्तरकाशी कि धार्मिक जनता को धार्मिक सेवा का एक नया मंत्र दे दिया है , जिसके बाद मंदिरो मे सुबह तड़के से दर्शन के लिए कतार मे खड़े अस्थावान जनता से पालिका अध्यक्ष ने गौ ग्रास के लिए मुहिम मे हिस्सेदारी का अनुरोध किया है
एक दौर था जब घर में बन रहे भोजन का पहला अंश गौ माता के लिए गो ग्रास के रूप में और अंतिम रोटी पालतू कुत्ते के लिए निकाली जाती थी, जाहिर है कि हिंदू समाज आरंभ से ही प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में अपने दिनचर्या से ही समर्पित रहा है । बदलते दौर में दूध लेने के बाद गौ माता को सड़क पर आवारा घूमने के लिए छोड़ दिया जा रहा है। यह समस्या सिर्फ 1 जिले की नहीं है बल्कि सभी नगरों कस्बों और महानगरों में यही स्थिति बन गई है । सड़क पर रखे कूड़ेदान में गौ माता अपना भोजन तलाश करती हुई नजर आ जाती है और अब तो यह यातायात में भी बाधक बनने लगी है । आलम ये है कि झुंड मे इन गायों को एक दूसरे के इलाके मे छोडने कि होड मच गई है जिसके बाद ये मजबूर गाये कभी इसके तो कभी उसके डंडे खाने को मजबूर हो गई है ।
सावन का पवित्र महीना चल रहा है भक्तों में मंदिरों में भक्तों की कतार और अधिक लंबी होती चली जा रही है लेकिन गौ माता के लिए लोगों की भक्ति न जाने कहां गायब हो गई है । शिव नगरी उत्तरकाशी में भी गौ माता सड़क पर ना भटके इसके लिए नगर पालिका ने गोफियारा में एक काऊ शेड बनाया है जिसमें 40 से 50 गायों को रखा गया है किंतु अपनी सीमित आय के चलते पालिका इन गायों के पौष्टिक भोजन की व्यवस्था करने में असमर्थता जाहिर कर चुकी है, ऐसे में पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल के अनुरोध पर उजेली स्थित मंदिर दरगाह बाबा रत्न नाथ महाराज के सेवादार राम नारायण मल्होत्रा ने गायों के लिए 1.5 टन हरी घास की व्यवस्था कर एक नई अनूठी पहल को जन्म दिया है, जिसके बाद पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने उत्तरकाशी की धार्मिक जनता से अनुरोध किया है की धर्म-कर्म की दिनचर्या में गाय माता के लिए गौ ग्रास के रूप मे अपनी श्रद्धा के अनुसार हरी घास की व्यवस्था करें ताकि धार्मिक रूप से माता के रूप में पूजे जाने वाली गायों का संरक्षण हो सके और उन्हें भोजन के लिए सड़कों पर न भटकना पड़े।