सोमवार को उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगी असी गंगा घाटी के ग्रामीणो का गुस्सा कलक्ट्रेट के सामने फुट पड़ा |
वर्ष 2012 की आपदा के बाद से ध्वस्त हुई असी गंगा घाटी की सड़क आज तक नहीं बन सकी है | इस दौरान पीएमजीएसवाई ने 10 करोड़ का टेंडर निकाल कर काम सुरू किया किन्तु 8 करोड़ खर्च होने के बाद भी ठेकेदार ने काम पूरा नहीं किया |
इलाके के करीब 9 गांवो को जोड़ने के अलावा यह घाटी पर्यटन के लिहाज से भी अति महत्वपूर्ण मांनी जाती थी . वर्ष 2012 की आपदा से पूर्व असी गंगा के आसपास पर्यटको का जमावड़ा यहा स्थानीय लोगो के लिए आजीविका का काम करता था इसके अलावा हिंदुओ के प्रथम पूज्य श्री गणेश की जन्म स्थली और साहसिक पर्यटन के लिहाज से अति महत्वपूर्ण डोडी ताल भी इसी इलाके मे पड़ता है . सड़क मार्ग ध्वस्त होने से ग्रामीण कास्त कारो की नगदी फसल भी बाजार तक नहीं पहुच रही है . पीएमजीएसवाई के अधिकारी ठेकेदार पर कार्यवाही की बात तो करते है किन्तु आज तक न तो कोई कार्यवाही हुई और न सड़क पर काम . ऐसे मे इलाके के विधायक, प्रभारी मंत्री और सांसद पर भी स्थानीय लोग सवाल खड़ा कर रहे है . डीएम से मिलने गए ग्रामीणो के सामने भी डीएम बेबस नजर आए. ग्रामीणो ने बताया कि ठेकदार की ऊंची रसूख को देखते हुए डीएम ने भी हाथ खड़े कर ग्रामीणों के साथ धरने में बैठने की बात दोहराई. यही वजह है कि पूरी असी गंगा घाटी के ग्रामीण राजनीति छोड़ कर सिर्फ क्षेत्र के विकास के लिए एक संघर्स समिति के बैनर तले आंदोलन के लिए खड़े हो गए है .
सोमवार को ग्रामीणो ने नगर मुख्यालय में झलूश प्रदर्शन करते हुए जिला कार्यालय मे पीएमजीएसवाई और ठेकेदार के साथ जिला प्रशासन मुर्दाबाद के भी नारे लगाए . इस दौरान डीएम के द्वारा ज्ञापन लेने नहीं आने पर ग्रामीण भड़क गए और उन्होने चेतावनी दी कि यदि डीएम उनका ज्ञापन लेने उनके बीच नहीं आएंगे तो वे इसी स्थान पर अनिश्चित कालीन धरना सुरु कर देंगे .
दोपहर बाद डीएम मयूर दीक्षित ने धरना स्थल पर आकर ग्रामीणो को एक सप्ताह मे सड़क की स्थिति मे सुधार का भरोषा दिलाया साथ ही संबन्धित विभाग पीएमजीएसवाई को निर्देश दिये कि वे सड़क निर्माण मे प्रगति देने के लिए ग्रामीणो को लिखित भरोसा दे | इसके बाद ग्रामीणों ने फिलहाल अपना धरना उठा लिया है किंतु चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई दी तो वे फिर कलेक्ट्रेट में धरना सुरु करेंगे