पसीने ने उगाया हरा सोना, खून की कमी होगी दूर

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पहाड़ी महिलाओं में खून की कमी।

रिलायंस ने गाँव मे सुरु करवाया शब्जी उत्पादन।

बदलने लगी गाँव की तस्वीर।

गिरीश गैरोला

पहाड़ की महिलाओं में एनीमिया दूर करने के लिए जमीन पर काम कर रही रिलायंस फॉउंडेशन का कार्य अब असर दिखाने  लगा है। वर्ष 2013 की आपदा के बाद उत्तरकाशी पहुची टीम ने आपदा राहत बांटने से काम सुरु किया था इसी दौरान उन्हें महसूस हुआ कि पहाड़ में आर्थिकी की रीढ़ मानी जाने वाली ज्यादातर महिलाएं खून की कमी एनीमिया की शिकार है।

आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते बाजार से पौष्टिक आहार लेना सम्भव भी नही था , लिहाजा रिलायंस ने इसके लिए गॉव में ही ग्रामीणों के  समिति बनाकर शब्जी उत्पादन कार्य सुरु करवा दिया। इसके लिए जरूरी पानी के टैंक बीज उपलब्ध कराने के साथ ही तकनीकी सहयोग भी दिया।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर कमलेश गुरुरानी ने बताया कि उत्तरकाशी जनपद के भटवाडी ब्लॉक के 12 गांवों जखोल, गोरसाली, नटिन, द्वारी, रैथल, पाही, बारसु, बाँद्राणी, पाला, सौरा, सैंज और  जामख गाँव मे प्रोजेक्ट की सुरुवात की गई थी। गाँव की ग्राम समिति में गाँव के परिवार को इकाई माना गया है। कुछ गांवों में पॉली हाउस भी लगाए गए है। रिलायंस द्वारा बीज, पानी के टैंक अथवा पॉली हाउस के लिए दी गयी मदद का 40% अंशदान प्रति परिवार को ग्राम समिति के खाते में जमा करना होता है जो फिर उसी गांव के हित में उपयोग किया जाता है। ग्रामीणों की मेहनत अब दिखने लगी है खेतो में बेमौसमी सब्जी पैदा हो रही है और अकेले गोरसाली  गाँव के ग्राम समिति के 110 सदस्यों वाले जिला सहकारी बैंक भटवाडी खाते में दो लाख 52 हजार रु अभी भी जमा है। ग्रामीणों ने अभी 10 कुंतल मटर का बीज भी मंगाया है जो अगस्त में बोई जाएगी और ओकटुबर  दीवाली के त्योहार के समय निकाली जाएगी। बेमौसमी मटर और दीवाली का त्योहार होने के चलते बाजार में इसकी अच्छी कीमत भी मिलती है। गॉव में सार्वजनिक उपयोग के लिए 10 हजार लीटर   छमता का टैंक और 15 पॉली हाउस भी बनाये गए है। भारत सरकार भी किसानों की आय दोगुना करने की योजना पर काम कर रही है।किन्तु धरातल पर काम करने वाला किसान सरकारी  योजनाओ तक अक्सर पहुँच ही नही पाता है । इसलिए धरातल पर जुड़कर और अधिक काम करने की जरुरत महसूस की जा रही है।

इस दौरान कद्दू, गोभी, शिमला मिर्च, और मटर के उत्पादन करने में गोरसाली के वीरेंद्र राणा, लोकेश रॉवत, जयपाल सिंह , पाही के प्रीतम रावत, द्वारी के मामराज आदि कास्तकारों ने शब्जी उत्पादन में अपना नाम कमाया है। रिलायंस के  गाँव के पास शब्जी उत्पादन होगा तो महिलाओं की थाली भी पौष्टिकता से भरपूर होने लगी है  और अब धीरे धीरे उन्हें एनीमिया की शिकायत भी नही होगी।
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