18 साल से इंतज़ार में SSB गुरिल्ला बोले – अब आरपार की लड़ाई!
सरकार गुमराह कर रही, हाईकोर्ट के आदेश को भी किया नजरअंदाज – गुरिल्लों की ललकार
📍 लंबगांव, प्रतापनगर | 14 जून 2025 | Meru Raibar विशेष रिपोर्ट
राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड में उपेक्षा का शिकार हो रहे SSB प्रशिक्षित गुरिल्लों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। शनिवार को लंबगांव (प्रतापनगर) में गुरिल्ला संगठन की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें सरकार के खिलाफ खुला आक्रोश जताया गया और आगामी समय में निर्णायक आंदोलन की चेतावनी दी गई।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे ब्लॉक अध्यक्ष व जिला प्रचारक आशाराम जोशी ने कहा कि “सरकार लगातार गुरिल्लों को आश्वासनों के जाल में फंसा रही है। 18 वर्षों से हम अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं — लेकिन परिणाम शून्य है।”

🧾 गुरिल्लों की तीन प्रमुख मांगें
- SSB युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्लों को सरकारी विभागों में समायोजित किया जाए।
- मणिपुर की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गुरिल्लों को सम्मान व स्थायी रोज़गार मिले।
- हाईकोर्ट के आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
⚖️ हाईकोर्ट का आदेश, सरकार की अनदेखी
बैठक में वक्ताओं ने ज़ोर देकर कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि गुरिल्लों को मणिपुर की तरह उत्तराखंड में भी सरकारी विभागों में तीन महीने के भीतर समायोजित किया जाए। लेकिन दुर्भाग्यवश सरकार ने इस कानूनी आदेश को भी दरकिनार कर दिया।
🔥 तेज होते तेवर, आंदोलन की चेतावनी
गुरिल्ला संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला और मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट ने कहा कि यदि सरकार अब भी नहीं चेती, तो सितंबर माह में एक व्यापक राज्यव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसकी समस्त ज़िम्मेदारी शासन की होगी।
जोशी ने कहा, “अगर सीधी उंगली से घी नहीं निकलता, तो उंगली टेढ़ी करनी ही पड़ेगी। अब समय आ गया है कि हम अपनी रणनीति में तीव्रता लाएं। सरकार या तो हमारी बात सुने या फिर जनआंदोलन के लिए तैयार रहे।”
👥 बैठक में उपस्थित प्रमुख गुरिल्ला सदस्य
- आशाराम जोशी (ब्लॉक अध्यक्ष प्रतापनगर, जिला प्रचारक)
- पवन सिंह राणा
- करण सिंह थलवाल
- बलदेव सिंह बिष्ट
- नागेंद्र जोशी
- महिमा लाल, श्रीमती मथुरा देवी
- जवर सिंह, मातवर सिंह
और सैकड़ों गुरिल्ला कार्यकर्ता बैठक में मौजूद रहे।
