केदार के होते यमुनोत्री मे ये कैसी पीड़ा : मंत्री संतरी फेल ?

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शनिवार को प्रदेश मे पीएम आवास योजना के अंतर्गत चयनित लाभार्थियो को राजधानी देहरादून से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जबकि जिलो से विधायक और डीएम के माध्यम से स्वीकृति पत्र सौंपे गए |

सीएम कैम्प कार्यालय परिसर के  जनता दर्शन हॉल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में 16472 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजन के अंतर्गत आवास स्वीकृति पत्र प्रदान किए| साथ ही लाभार्थियों को प्रथम किश्त की राशि डीबीटी द्वारा ऑनलाईन जारी की।मुख्यमंत्री ने आवास बनने के बाद हर लाभार्थी को सामान आदि के लिए पांच हजार रूपए देने की भी घोषणा की |

वही प्रदेश मे कुछ ऐसे भी गाँव है जो इस महत्वपूर्ण योजना मे सामिल  होने से ही वंचित रह गए है | दरअसल इन गावों को अभी तक योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज ही नहीं किया जा सका है |उत्तरकाशी जनपद में भी विधायक यमुनोत्री केदार सिंह रावत की मौजूदगी मे डीएम मयूर दीक्षित ने  4 हजार 668 चयनित लाभार्थियों मे से 1 हजार 410 लाभार्थियों को शनिवार को स्वीकृत प्रमाण पत्र जारी किए|

उत्तरकाशी जिले मे जब विधायक यमुनोत्री पात्र परिवारों को पीएम आवास योजना का स्वीकृति पत्र दे रहे थे,  ठीक उसी समय उन्ही  की विधान सभा यमुनोत्री के गाव नई खालसी से लोग पीएम आवास योजना मे अपने गाँव  के सामिल  नहीं होने का दुखड़ा रो रहे थे | समाजिक कार्यकर्ता कुलवीर कंडियाल ने बताया कि यमनोतरी विधान सभा का नई खालसी गाव विकास को लेकर वर्षो से उपेक्षित पड़ा हुआ है | वर्ष 2014 मे अलग ग्राम सभा बनने के बाद अभी तक इसे पीएम आवास योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर  नहीं जोड़ा जा सका है जबकि इसके लिए वे डीएम से लेकर सीएम तक चक्कर काट चुके है |इतना ही नहीं पूरी न्याय पंचायत मे अकेला इंटर कॉलेज भी खालसी मे ही है, किन्तु जीआईसी तक सड़क नहीं होने से स्कूल भवन के लिए बजट भी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे मे छात्रो की  पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है |

खालसी गाव कि पीड़ा यही समाप्त नहीं होती | गाव के माड़ तोक  मे रहने वाले ग्रामीण विगत 70 – 80 वर्षो से वन  भूमि पर काबिज है , वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार इस भूमि पर ग्रामीणो का हक होना चाहिए था, पर ऐसा नहीं होने से ग्रामीणो को स्थायी और मूल निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे है |

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