सेफ़्टी फर्स्ट का साइन बोर्ड लगाने वाली ये कम्पनी आर वी एन एल अर्थात रेलवे विकास निगम लिमिटेड है जो खुद ही इस स्लोगन का पालन नहीं कर रही है अर्थात चिराग तले अंधेरा
आर वी एन एल वो कंपनी है जिस पर इन दिनों ऋषिकेश – कर्ण प्रयाग रेलवे लाइन निर्माण की जिम्मेदारी है । पहाड़ों मे रेल आने के बाद यहाँ विकास की तस्वीर बदलेगी ये तय है, लेकिन पहाड़ों मे सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर आर. वी. एन. एल. कंपनी ने लोगों का वर्तमान छीन लिया है । ये सड़क जो आप तस्वीरों मे देख रहे है वो बिलकेदार – श्रीनगर सड़क है । आर वी एन एल के आने से पहले इस सड़क पर फर्राटे से मोटेर वाहन दौड़ लगा रहे थे वही कंपनी के आने के बाद निर्माण कार्य के बड़े ट्रक और भारी मशीने लगातार आवागमन कर रहे है जिसके चलते सड़क जगह – जगह पर टूट गई है और इसमे बड़े बड़े गड्डे हो गए है , इन गड्डो से अक्सर दुर्घटनाए हो रही है ।
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खासकर दो पहिया वाहन चालक तो हर दिन गिर कर चोटिल हो रहे है । सड़क की पेंटिंग उखड़ने से इसमे धूल उड़ रही है जिसके चलते सांस लेना भी मुस्किल हो रहा है । सड़क पर उसने वाली धूल से इंसानों के साथ खेती भी प्रभावित होने लगी है । सड़क पर इतने गड्डे हो गए है कि बीमार अथवा घायल व्यक्ति श्रीनगर अस्पताल पहुचने से पहले गाड़ी मे झटके खाकर ही दम तोड़ देगा ।
सड़क पर दौड़ने वाले टैक्सी वाहन चालक कहते है कि जब सड़क के हालात ऐसे है तो गाड़ी के हालात कैसे ठीक रह सकते है । अब आर टी ओ साहब सिर्फ गाड़ी की कंडिशन पर तो नियम कायदों की बात करते है वही सड़क के हालात पर चुप्पी साध लेते है ।
पौड़ी के डीएम ने मामले का सज्ञान लेटे हुए सड़क से जुड़े लोक निर्माण विभाग को गड्डे भरने और आर वी एन एल को धूल भारी सड़कों पर तत्काल पानी के छिड़काव करने के निर्देश जारी कीये है ।
बड़ा सवाल ये कि हर दिन कुँवा खोद कर अपनी दैनिक मजदूरी कमाने वाले टैक्सी चालक कब तक कलेक्ट्रेट मे जाकर शिकायत करेंगे ?
क्या जिला प्रशासन कभी स्वतः सज्ञान लेगा ?