रिसर्च के लिए नहीं जाना पड़ेगा दूसरे प्रदेश – डीआईटी यूनिवर्सिटी में प्रदेश की पहली मॉलिक्यूलर फार्माकोलॉजी लैब

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देहरादून। डीआईटी यूनिवर्सिटी में आज दिनांक नौ जनवरी 2021 को प्रदेश की पहली मॉलिक्यूलर फार्माकोलॉजी लैब का उद्घाटन किया गया। इस लैब के खुलने से यूनिवर्सिटी के फार्मेसी छात्रों सहित प्रदेश की फार्मा कंपनियों को भी अपनी रिसर्च करने में फायदा होगा। लैब का उद्घाटन डी.आई.टी यूनिवर्सिटी  के वाइस चांसलर डॉ के के रायना, प्रो वाइस चांसलर डॉ श्रीनिवासन, डीन बी के सिंह, डीन आर एंड सी. देबोपम आचार्य एवं रजिस्ट्रार डा. वंदना सुहाग ने किया। इस मौके पर डायरेक्टर फार्मेसी डा. जगननाथ साहू और हेड डॉ चितमे ने हर्ष के साथ बताया कि यह लैब उत्तराखंड के शोधार्थियों को उनके उत्कृष्ट कार्या के लिए हमेशा मददगार रहेगी।
अब तक यदि प्रदेश में किसी को भी फार्मेसी से संबंधित हायर रिसर्च करनी होती थी तो उन्हें अन्य प्रदेशों में  जाना पड़ता था लेकिन अब समय की बचत हो सकेगी उत्तराखण्ड के पास डीआईटी यूनिवर्सिटी में ही यह मॉलिक्यूलर फार्माकोलॉजी लैब के मोजूद होने से ड्रग टारगेट, क्लोनिंग, ट्रांसजेनिक एनिमल टेक्नोलॉजी, जीन थेरेपी आदि विषयों में रिसर्च करने में मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि आणविक फार्माकोलॉजी लैब वैज्ञानिक समुदाय को दवाओं, आणविक जांच और उनके जैविक लक्ष्यों के बारे में मशीनी समझ का अवसर प्रदान करेगी। इस लैब में कोई भी निर्धारित कंसलटेंसी फीस दे कर अपनी रिसर्च कर सकता है।
इस अवसर पर वाइस चांसलर के के रायना ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह डीआईटी यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है द्य इस लैब की स्थापना से प्रदेश के कई सेक्टर के लोगों को फायदा होगा। प्रो वाइस चांसलर डॉ श्रीनिवासन, डीन आर एंड सी प्रो. देबोपम आचार्य एवं रजिस्ट्रार डा. वंदना सुहाग ने भी इस लैब के खुलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह लैब उत्तराखण्ड लिए मील का पत्थर साबित होगी जिससे छात्रों सहित कई क्षेत्रों के लोगों को फायदा पहुंचने वाला है।

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