खनन के लिये 15 हरे पेड़ो को कटवाकर भरा 10 हजार का जुर्माना – कानून तोड़ना सस्ता विकल्प -समय और धन दोनों की बचत।

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अपने देश मे कानून गरीब लोगों को डराने और धमकाने के लिए ही काम आते है अमीर लोग चांदी की खनक से कानून के अंदर से ही सुरंग बनाकर निकल जाते है। 47 लाख के खनन पट्टे पर पहुँचने के लिए सड़क निर्माण में बाधा बन रहे 15 हरे पेड़ो को काटने के लिए विधिवत अनुमति लेने से सरल सस्ता और टिकाऊ उपाय आजमाया गया जिसमें हरे पेड़ो पर चुपचाप आरी चलाकर कटवा दिया गया और फिर 10 हजार का जुर्माना भरकर कानून का मजाक बनाया गया।

रिपोर्ट / गिरीश चंदोला थराली

मामला चमोली जिले के थराली विधानसभा का है जहाँ हरमनी से सटे नगरकोटियाणा में जिलाधिकारी चमोली ने रीवर ट्रेनिंग के पट्टे जारी किए थे,नीलामी में इस रीवर ट्रेनिंग का आधार मूल्य साढ़े नो लाख रुपये सरकार की ओर से तय किया गया और उच्चतम बोली में रीवर ट्रेनिंग का ये पट्टा 47 लाख में बिका ,खनन व्यवसायियों को खनन पट्टे तक पहुंच मार्ग की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ती है ,यहां खनन व्यवसायियों ने खनन पट्टे तक रास्ता बनाने के चलते 15 हरे ,फलदार और छायादार पेड़ो का कत्लेआम कर दिया ।

जनकारोंकी माने तो इन पेड़ों को काटने की विधिवत अनुमति ली जाती तो वह लंबा समय लेती और धन भी अधिक खर्च होता लिहाजा विभाग के ही कानूनी जानकर ने पेड़ो को रातों रात काटकर जुर्माना जमा करने का बेहतर विकल्प सुझाया, अब केवल 10 हजार के जुर्माने पर खनन पट्टे पर पहुचने के लिए रोड काटने में कोई अवरोध नही है। रेंज अधिकारी भवान सिंह परमार ने बताया कि उक्त हरे पेड़ नाप खेत मे थे लिहाजा पेड़ो की गोलाई के आधार पर 15 पेड़ो के कटान पर धारा 4/10के अंतर्गत 10 हजार के करीब जुर्माना वसूल किया जाएगा जबकि यही मामला आरक्षित वन का होता तो धारा 26 के अंतर्गत कार्यवाही होती।

हरे पेड़ों पर चली ,खनन माफियाओं की आरी , वन विभाग में हड़कंप

थराली विधानसभा के हरमनी से सटे नगरकोटियाणा में

नगरकोटियाणा में आवंटित खनन के पट्टे तक पहुंच मार्ग बनाने में खनन व्यवसायियों ने जिन 15 पेड़ो को काट कर गिरा दिया है उनमें 5 पेड़ मेहल के ,4 अखरोट,2 खडीक,1 तिमिल,1 भीमल,1 निम्बू और एक पेड़ गैथी का खनन व्यवसायियों ने काट गिराया ,इसके साथ ही बीआरओ द्वारा निर्माणाधीन सड़क ग्वालदम कर्णप्रयाग मोटरमार्ग को भी खनन व्यवसायियों ने क्षति पहुंचाई है ,खनन व्यवसायियों द्वारा वन संपदा को पहुंचाई गई क्षति से तो लगता है। इन्हें न ही नियमो का कोई वास्ता है ।और न ही प्रशासन का कोई डर,हालांकि वन विभाग ने सूचना दिए जाने पर मौके का निरीक्षण कर वन संपदा को पहुंचाए गए नुकसान का जायजा ले लिया है ।

वन क्षेत्राधिकारी नारायणबगड़ भवान सिंह परमार ने बताया कि खनन व्यवसायियों द्वारा 15 हरे पेड़ो को काटा गया है। वन संपदा को पहुंचाए गए नुकसान का आगणन तैयार किया जा रहा है जिसके बाद सम्बंधित व्यक्तियों का वन अधिनियम एक्ट में चालान कर जुर्माना लगाया जाएगा ।

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