नंगे हाथों से बस को कर रहे सेनेटाइज़ड – आई फ्लू नही जनाब – कोविड 19 कॅरोना है, काला चश्मा नही – मास्क और ग्लव्स पहनिए, गरीब की जान खतरे में।

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बिना ग्लव्स और मास्क लगाये परिवहन विभाग की सैनीटाइजेशन मुहिम बनी मज़ाक।

https://youtu.be/kgzRAw-1j_c

सोसल मीडिया समाचार पत्र और फोन ट्यून पर कॅरोना वायरस से बचाव के उपाय के साथ 22 मार्च को पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू की तैयारी के बीच परिवहन विभाग के अधिकारी पौडी में बिना मास्क और ग्लव्स के एक छोटे कर्मचारी से बस को सेनेटाइज़ड करवाते देखे गए, इस दौरान परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी बिना मास्क और ग्लव्स के दिखे, अब ये समझना बाकी है कि अधिकारी जनता को जागरुक कर रहे है या जनता इन्हें जागरूक करने जा रही है।

भगवान सिंह पौडी

पौड़ी जनपद का परिवहन विभाग सरकार द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चलाई जा रही सैनिटाइजेशन मुहिम का मजाक बन कर रह गयी है। दरअसल पौड़ी मुख्यालय में बस अड्डे के समीप परिवहन विभाग के एक टीटीओ-2 तारकेन्द्र वैष्णव काला चश्मा लगाए हुए हिंदी फिल्मों वाले अंदाज में बस में घुसे और उन्होंने एक व्यक्ति को घोल से बस को सैनिटाइज करने के लिए कहा,हैरानी की बात है कि सैनिटाइज करने वाले व्यक्ति ने न तो हाथ मे ग्लव्स पहने हुए थे और न मास्क! ही लगाया था इतना ही नही परिवहन विभाग के इन अधिकारी ने काला चश्मा जरूर लगाया था पर स्वयं भी मास्क तक नहीं पहना हुआ था, अब अधिकारी को कौन बताए कि ये आई फ्लू नही है जो काला चश्मा पहने , आम आदमी भी जनता है कि हाथ मे ग्लव्स और मुह में मास्क जरूरी है कम से कम सेनेटाइज़ड कर रहे व्यक्ति के लिए तो जरूरी है, अगर वास्तव में कॅरोना कोविड 19 का खतरा है तो और अगर केवल फ़ोटो खींचने के लिए डेमो या ड्रिल हो रही तो दूसरी बात अन्यथा एक छोटे कर्मचारी का जीवन दाव पर लगाने की जिम्मेदारी कौन लेगा।

, स्थानीय लोगों ने परिवहन विभाग द्वारा चलाई हुई चलाई गई इस मुहिम को एक मजाक करार दिया है एक और प्रधानमन्त्री मोदी जनता कर्फ्यू लगाने की बात कर रहे हैं,जिससे कि कोरोना वायरस को जड़ से समाप्त किया जा सके दूसरी ओर परिवहन विभाग के अधिकारी ही कोरोनावायरस के खिलाफ सैनिटाइजेशन अभियान की मुहिम का मजाक उड़ाने पर तुले हुए हैं।

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