जल पुरुष पर सोशल मीडिया में माटू और झुनझुनवाला का शीत युद्ध

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जल पुरुष चल पुरुष राजेंद्र सिंह की अविरल गंगा सत्याग्रह यात्रा अब सोशल मीडिया पर सवालों के घेरे में है। सवाल उठाने वाले अपने ही परिवार के वे लोग है जिनका साथ बीच मे छोड़ने के आरोप राजेन्द्र सिंह पर लगे है।

 गौरतलब है कि 12 जनवरी 2019 से 22 मई 2019 तक जल पुरुष राजेंद्र सिंह की अगुवाई में गंगासागर से माना माना बद्रीनाथ  हिमालय तक यात्रा निकाली गई थी जिस पर  परिवार से जुड़े पूर्व सदस्यों ने ही सवाल उठाना शुरू कर दिया है। डॉ भरत झुनझुनवाला और माटू संगठन के विमल भाई ने प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद से जुड़ाव को लेकर जल पुरुष राजेंद्र सिंह से कई सवाल किए हैं जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। बताते चलें कि राजेंद्र सिंह ने तरुण भारत संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर प्रोफेसर जीडी अग्रवाल को बता कर उनसे अपना जुड़ाव साबित किया था किंतु गंगा बचाव के लिए प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की कुर्बानी के दिनों राजेंद्र सिंह और उनके अनुयायियों की  गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए गए हैं ।

अंकित तिवारी।

सोशल मीडिया पर चल रहे इस शीत युद्ध पर जब हमारे संवाददाता अंकित तिवारी ने राजेंद्र सिंह का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि वह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का है संचालन कर रहे हैं और ऐसे बेतरतीब सवाल का जवाब देना नहीं चाहते हैं।

सोशल मीडिया पर भरत झुनझुनवाला और विमल भाई माटू द्वारा उठाए गए सवाल-

श्री राजेन्द्र सिंह जी ने गंगासागर में आमरण अनशन का संकल्प लिया था। फिर हट गए। सानंद और आत्म बोधानंद के  समय कोई सहयोग नहीं किया। उनके १० लाख समर्थकों में एक भी जंतर मंतर नहीं आया। उन्होंने अपने इन कार्यों का मांगने पर भी स्पष्टीकरण नहीं दिया है। गड़करी से उन्होंने छिछला पत्र लिखा कर आगे के संवाद को बाधित किया है। इस समय भी बिना कोई रणनीति के कोरा संकल्प दिला रहे हैं। ऐसे कार्यों से मुख्य मुद्दे से हम भटक जाते हैं। निवेदन है कि राजेन्द्र जी, कृपया अपनी रणनीति को यहां पोस्ट करें। तब तक इस यात्रा का कोई पोस्ट यहां किसी दूसरे से ना डलवाएं। आपका पूरा देश में नाम है। मैं आपकी रणनीति समझना चाहता हूं।

बताते चले कि राजेंद्र सिंह की तरफ से उनके अनुयाई भोपाल सिंह सोशल मीडिया में लेख साझा कर रहे थे।

सोशल मीडिया पर छाए प्रश्न

राजेन्द्र सिंहजी से निवेदन
आप इसमें सदस्य हैं। आपका दायित्व बनता है कि आप अपना कार्यक्रम एवं उसका उद्देश्य सबको स्वयं बतायें। सभी सबके शुभचिंतक हैं और सबकी एकता, अखंडता को बनाये रखने में आपकी भूमिका का निर्वाह करें। आपकी चुप्पी तोड़ें और सबके साथ संवाद करें। यही आपका बडकपन है। हमें आप पर भरोसा है।

 

दिल्ली के यमुना सत्याग्रह से लेकर राजेन्द्र जी , जो कि इस ग्रुप में भी हैं उनकी कोई रणनीति तो साफ नजर आती नहीं।
भोपाल जी ने इस पोस्ट में लिखा के हम मरने की बात नहीं अविरलता की बात कह रहे हैं वगैरा-वगैरा।
दूसरी तरफ राजेंद्र जी क्या शपथ दिला रहे हैं? उस पर भी गौर कीजिए।

यह घालमेल सा कार्यक्रम है।
समझ में नहीं आ रहा ।
रणनीति क्या ,?

इसका मतलब क्या होगा?
यात्रा करके?

थोड़ा समझा कर ही ब्यता दिया जाए तो बेहतर होगा।

और राजेंद्र जी खुद ही क्यो नही बताते ?
आतंबोधनंद जी के उपवास के समय उन्होंने कभी कोई मदद नही की।
इसलिए इस मंच का उपयोग किसी सुगठित कार्य के लिए ही करना चाहिए नई सरकार आई है अभी क्या रणनीति उस पर कभी विचार के लिए बैठे

फिर जल पुरुष ने संकल्प लिया है और संकल्प लेनें में कोई कसर नहीं छोड़ी है पर उसे पूरा करने की हिम्मत होनी चाहिए। जुबानी जमा खर्ची से काम नहीं चलता।

फिलहाल सोशल मीडिया पर चल रहे  उक्त विवाद पर राजेन्द्र सिंह ने कोई भी स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया है, देखना है कि इस बार भोपाल सिंह की तरफ से किसी पोस्ट में शायद कोई जबाब मिल जाय।

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