रोटी बैंक । ब्याज में दिल का शुकुन।

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यदि आप अपनी थाली में भूख से ज्यादा खाना परोसकर उसे यू ही छोड़ देते है तो आप किसी अन्य के हिस्से के अन्न को बर्बाद कर रहे है अगर आप होटल में भी है और आपने उस खाने का बिल भी भर दिया हो तब भी आपने किसी अन्य का हिस्सा छीन लिया है, ये थाली में छोड़ा गया अन्न देश मे किसी गरीब के पेट की आग बुझा सकता है। इसी थीम पर संस्था ने रोटी बैंक की स्थापना की। इस बैंक में आप शादी व्याह जैसे समारोह में बचे हुए खाने को रोटी बैंक में दे सकते हो और ब्याज में दिल का शकुन और चैन पा सकते है।

गिरीश गैरोला, देहरादून

जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के माध्यम से प्रत्येक दिन 500 से 700 जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन की सेवा बिल्कुल निशुल्क दिल जा रही है जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के द्वारा है रोटी बैंक की स्थापना की गई थी जिसमें प्रत्येक दिन रेस्टोरेंट होटल एवं शादी समारोह से बचा हुआ खाना एकत्रित कर उन्हें जरूरतमंदों के बीच में बांटा जाता है संस्था के द्वारा यह सेवा प्रत्येक दिन की जा रही है उसका के द्वारा प्रत्येक दिन सैकड़ों लोगों को भोजन कराया जाता है l संस्था के संस्थापक सुमित कुमार जी द्वारा बताया गया कि रोटी बैंक का उद्देश्य उन जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना है जो भूखे सो जाते हैं l संस्था का उद्देश्य ऐसे परिवारों तक पहुंचना है जिनके परिवार के मुखिया या तो किसी दुर्घटना में चल बसे हो या फिर हमेशा के लिए बैड पर ही पड़े रह जाते हैं, ऐसे परिवारों को संस्था के द्वारा प्रत्येक माह निशुल्क राशन दिया जाता है जिससे वह अपना परिवार का गुजर-बसर करने में सक्षम हो सके संस्था के द्वारा 32 परिवारों को गोद लिया हुआ है जिन्हें प्रत्येक माह राशन की सुविधा बिल्कुल निशुल्क दी जाती हैं lसंस्था में सहयोग रूपी रविंद्र जी, सुनंदा गणेश चंद्र बृजपाल सिंह, नवदीप सिंह, जोगिंदर कुमार, मयंक, मुकेश गुप्ता, गुलशन कुमार, स्वेता सिंह नीतू सिंह, अमित जैन, शुभम कुमार, पंकज चावला, इत्यादि कई दानी सज्जन संस्था में सहयोग करते हैं एवं तन मन धन से अपना सहयोग कर रहे हैं

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