माघ मेले के टेंडर पर किसकी लगी नजर

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हर हाल में होगा माघ मेला।

टेंडर पर माननीय नाराज।
कुड़े पर हो रही मध्यस्तता

गिरीश गैरोला

जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा ने उत्तरकाशी माघ मेले में कुड़े के संकट पर पत्रकार वार्ता में भरोसा दिलाया कि इस बार माघ मेला कुड़े की भेंट नही चढ़ने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री की माघ मेला तैयारी बैठक में नगर पालिका की तरफ से अध्यक्ष रमेश सेमवाल और प्रशासन की तरफ से डीएम आशीष चौहान ने भरोसा दिलाया था कि दो तीन दिन के भीतर रामलीला मैदान में पड़ा हुआ कूड़ा उठा लिया जाएगा ताकि मैदान को माघ मेले के लिए खाली किया जा सके। यदि ऐसा नही हुआ तो वे खुद के संसाधनों से कूड़ा हटाकर मेला करवाना सुनिश्चित करेंगे।
नगर पालिका के नए बोर्ड के शपथ ग्रहण से पूर्व से ही उत्तरकाशी नागर का कूड़ा नगर के बीचों बीच रामलीला मैदान में पड़ रहा है। 14 जनवरी से माघ मेला होना है, अक्सर दिसंबर अंत में मैदान में मेले का चरखी आदि का सामान पड़ना सुरु हो जाता था किंतु इस वर्ष नगर के कूड़ा नाक की लड़ाई बन गया है। अब तो नगर में  मेले के होने अथवा न होने की संशय पर चर्चा होने लगी तो अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता में बताया कि हर हाल में माघ मेले का आयोजन किया जाएगा और यदि प्रशासन कूड़ा उठाने में असफल रहा तो खुद जिला पंचायत कूड़ा उठाकर मैदान खाली कर देगी।
सदस्य जिला पंचायत प्रकाश देव नाटा ने व्यंग कसते हुए  लोगो को कुड़े की राजनीति से बाज आने की नसीहत दी और भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर जिला पंचायत के 25 सदस्य कुड़े को 25 टुकड़ो में बांट कर निस्तारित कर भी हर हाल में माघ मेले का सफल आयोजन करेंगे।
 उत्तरकाशी के इतिहास में पहली बार माघ मेले की तैयारी बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह सामिल हुए और मेले को भब्य बनाने के लिए जरूरी दिशा  निर्देश भी दिए। माघ मेले की इसी तैयारी बैठक के लिए जिला योजना की पहली बैठक को भी निरस्त करना पड़ा था। इसके बाद भी माघ मेले पर कूड़ा हावी रहा और दिग्गजो की नाक का सवाल बन गया।
सूत्रों की माने तो जिला योजना की बैठक में पत्रकारों को बाहर करने के बाद विकास योजनाओं की बजाय माघ मेला ही चर्चा का विषय बना रहा। जिला स्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी में माननीय अपने चहेते ठेकेदार को माघ मेले का टेंडर देने का दबाव बनाते देखे गए।
गौरतलब है कि माघ मेला में दुकानों और झूला चर्खी आदि का टेंडर एक बार निरस्त कराया गया। उसके बाद भी माननीय के खास ठेकेदार ने टेंडर लेना जरूरी नही समझा और दबाव की राजनीति से फिर से टेंडर निरस्त करवा अपने पक्ष में करने का भरसक प्रयास किया। किन्तु दाल नही गली तो पार्टनर बनाकर ही संतुष्ट होने का झुनझुना दिया गया।
इधर माननीय अपने खास को ठेका न मिलने से नाराज है तो उधर रामलीला मैदान में पड़ा कूड़ा  मेले के होने या न होने पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर है । टेंडर स्वीकृत होने के बाद ठेकेदार टेंडर का पैसा जिला पंचायत में जमा कर चुका है और मैदान में समान डालने की अनुमति मांग रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा हाई कोर्ट में चल रहे वाद को लेकर नगर से बाहर निकल गयी है तो अपर मुख्य अधिकारी कुड़े के निस्तारण को लेकर समाधान और सुझाव के लिए डीएम आफिस के चक्कर काट रहे है।
इधर कूड़ा निपटा नही उधर माननीय दुकानों में अपने लोगो को एडजस्ट करने को लेकर दूरभाष पर  जुगाड़ लगाने में व्यस्त है।

https://youtu.be/xoPNeNid1v4

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