सिडकुल घोटाले की जांच के लिए तकनीकी कमेटी का गठन
रुद्रपुर ऊधमसिंहनगर
– ऊधम सिंह नगर में सिडकुल में हुए सात सौ करोड़ रुपये के घोटाले की जांच जल्द पूरी होंगी। इसके लिये एसआईटी के साथ में मिलकर तकनीकी कमेटी ने 109 निर्माण कार्यों की जांच शुरू कर दी है। प्रथम चरण में सीसी मार्ग, चहारदीवारी की गुणवत्ता और निर्माण कार्य में खर्च बजट की जांच कर रही है। वर्ष 2012 से 2017 तक पंतनगर सिडकुल में बनाए गए सिटी पार्क में यूपी निर्माण निगम की ओर से कई निर्माण कार्य किए गए थे। सरकार की ओर से कराए गए ऑडिट में निर्माण कार्यों के साथ ही कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन निर्धारण में कुछ अनियमितताएं मिली थीं। जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी को सिटी पार्क के निर्माण कार्य की जांच में मुख्य द्वार, शौचालय, फव्वारे, सीसी मार्ग और चहारदीवारी निर्माण में वित्तीय अनियमितताएं मिली थीं। इसके अलावा काशीपुर एस्कार्ट फार्म स्थित सिडकुल इंडस्ट्रियल एरिया में विभिन्न सेक्टरों को जाने वाले सड़कों के किनारे बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए स्ट्रांग वाटर ड्रेन में भी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। सितारगंज सिडकुल में यूपी निर्माण निगम ने सड़क, वाटर टैंक और नालियों का निर्माण किया है। इसके लिए करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च दिखाया गया लेकिन निर्माण कार्य के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन और स्थलीय निरीक्षण करने पर तमाम तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं। तकनीकी कमेटी में शामिल लोनिवि के इंजीनियर मनोज दास ने घोटाले में शामिल 109 निर्माण कार्य की तकनीकी जांच शुरू की है। शुरूआत में सीसी निर्माण की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि
एसआईटी के नेतृत्व में चल रही जांच
में कार्यदायी यूपी निर्माण निगम के
अधिकारी भी शामिल हैं।
सिडकुल घोटाले की जांच एसआईटी ने शुरू कर दी थी लेकिन तकनीकी कमेटी बनने में विलंब हुआ था। तकनीकी कमेटी बनने के बाद घोटाले की जांच शुरू कर दी है। सीसी मार्ग के निर्माण की जांच सबसे पहले की जा रही है। कुल 109 निर्माण कार्य की जांच की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद घोटाले की हकीकत सामने आएगी। तकनीकी कमेटी में लोनिवि, सिंचाई विभाग, जलसंस्थान के इंजीनियर व एसआईटी कर्मी शामिल हैं।
देवेंद्र पींचा, एसआईटी प्रभारी