गंगीत्री हाई वे पर नासूर बने
नालू पानी से वैकिल्पक गंगोत्री हाई वे की उठी मांग।
महार गाँव के सराली से धनारी के सिंगुणी को जोड़ने की उठी मांग।
गिरीश गैरोला
हिंदुओं के तीर्थ गंगोत्री सहित चीन सीमा को जाने वाले हाई वे पर हो रहे भूस्खलन यातायात पर बार बार ब्रेक लगा रहे है। नालूपानी इलाके में पहाड़ी से गिर रहे पत्थरो की चपेट में आने से कई लोगो की मौत के साथ यह इलाका सड़क हादसों कब लिए भी जाना जाता है। बरसात में सड़क खुलने के इंतजार में कई बीमार और घायल एम्बुलेंस में ही दम तोड़ देते है। लिहाजा गंगोत्री हाई वे के लिए महर गाँव से सराली होते हुए सिंगुणी तक तीन किमी सड़क निर्माण कर वैकल्पिक सड़क की मांग जोर पकड़ने लगी है।
धरासू गंगोत्री राजमार्ग पर नालूपानी के पास लैंड स्लाइड नासूर बन चुका है। दर्जनों सड़क हादसों का गवाह बना यह इलाका पहाड़ी से पत्थर गिरने से भी कई जिंदगियां लील चुका है। शनिवार को सड़क के उस पार बसे महर गाव के ग्रामीण सीटी बजाकर सतर्क नही करते तो एक कार पहाड़ी से गिर रहे पत्थरो की चपेट में आ जाती। दरअसल सड़क पर खड़े लोगो को ऊंची पहाड़ी से गिरते पत्थर अधिक ऊंचाई से नही दिखते है और कई बार बड़े हादसे हो जाते है।
महर गाव के मुकेश बर्तवाल ने बताया कि धरासू के पास से मर गाँव- चमियारी मोटर मार्ग पर सराली से यदि तीन किमी सड़क बना दी जाय तो इसे धनारी पट्टी के सिंगुणी से जोड़ा जा सकता है। यह सड़क मार्ग आपदा के समय गंगोत्री राजमार्ग का विकल्प भी बन सकेगा और यमनोत्री विधान सभा के गमरी पट्टी के सभी गावो को गंगोत्री विधान सभा के धनारी पट्टी से भी जोड़ने का काम करेगा। दरअसल मानसून में पहाड़ी से गिरते पत्थरो के बीच जिस तरह से घंटो यातायात को रोकना पड़ता हसि ऐसे में किसी एम्बुलेंस में पड़ा घायल अथवा बीमार तो अस्पताल पहुचने से पूर्व ही मार्ग में दम तोड़ देगा।