देश के भावी नागरिक और आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं किशोरियों और कुपोषित बच्चों के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही हैं जिसने इन महिलाओं के पोषण के लिए पौष्टिक आहार दिए जाने की व्यवस्था की गई है , वही प्रयागराज जिले के ग्रामीण अंचलों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सुपरवाइजर की लापरवाही से ग्रामीणों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। इस मामले में ग्रामीण महिलाओं ने मौके पर ही मीडिया के सामने शिकायत की तो संबंधित सुपरवाइजर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके जिसके बाद जिला स्तरीय अधिकारियों से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने भी मामले की से अनभिज्ञता जताते हुए लिखित शिकायत दर्ज करने का सुझाव दे डाला। बड़ा सवाल यह है कि ग्रामीण स्तर पर रहने वाली यह महिलाएं अपना नाम तक ठीक से नहीं लिख पाती ऐसे में इनसे लिखित शिकायत कर अधिकारियों के चक्कर काटने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
क्या जब तक मीडिया गांव स्तर तक जाकर जानकारी जुटाकर नहीं लाता तब तक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से यूं ही मुंह मोड़ते रहेंगे । मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के अंतर्गत फुर्सत राम पूरा आंगनबाड़ी केंद्र का है उत्तरप्रदेश के जनपद प्रयागराज अंतर्गति फुर्सतराम का पूरा आंगनवाड़ी में योगी सरकार गर्ववती महिलाओं को जो पोषण दे रही है वह पिछले कई महीनों से नहीं मिल रहा है
जबकि नियमानुसार
गर्भवती महिला को दाल 1 Kg , दलिया 1. 500gm, रिफाइंड तेल 450gm और
धात्री महिला दाल 1Kg, दलिया 1.5 केजी रिफाइंड तेल 450gm
6माह से 3वर्ष तक बच्चे को दाल 1 Kg दलिया 1Kg रिफाइंड तेल 450gm
3वर्ष से 6वर्ष तक बच्चे को दाल500gm दलिया 500gm
वहीं कुपोषित बच्चों के लिए दाल 2kg दलिया 2kg, रिफाइंड तेल 450gm दिया जाने की व्यवस्था की गई है । जो कर्मचारियो की लापरवाही से उन तक नहीं पाहुच रहा है