उत्तराखंड में सिर्फ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ही बैंक , बेरोजगारों को बेवकूफ नही बना रहे हैं बल्कि अपने अन्य ग्राहकों के साथ भी बड़ी चालाकी के साथ चुना लगा रहे हैं ।मामला उत्तरकाशी का है जहां लंबे समय से बैंकों द्वारा चेक बुक जारी करने में न सिर्फ उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है बल्कि उन्हें इसके लिए अतिरिक्त शुल्क भी जमा करना पड़ रहा है बैंक के साथ भारत सरकार की सबसे बड़ी संस्था पोस्ट ऑफिस भी इस लापरवाही भी बराबर की जिम्मेदारी है। अभी कुछ दिन पूर्व उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बैंक ऑफ बड़ौदा से चेक बुक के लिए आवेदन किया गया था, बैंक ने चेक बुक का शुल्क काटकर पोस्ट ऑफिस के माध्यम से चेक बुक ग्राहक के घर के पते पर भेज दी, किंतु उत्तरकाशी मुख्यालय में डाकघर कर्मियों ने बिना जांचे परखे उक्त चेक बुक को वापस भेज दिया, यह कहकर कि इस पते पर कोई रहता ही नहीं। इस संबंध में जब बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर से बातचीत की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा चेक बुक भेजने के मामले में एड्रेस नहीं मिलने पर उन्हें पास के शाखा कार्यालय में जमा करने के स्पष्ट निर्देश लिफाफे में ही लिखे होते हैं। डाकघर कर्मियों ने ऐसा करने के बजाए खुद चेक बुक को वापस भेजना ज्यादा बेहतर समझा । जबकि बैंक के इस ग्राहक का घर बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा उत्तरकाशी से ही लगा हुआ है। उक्त मामले में बैंक और पोस्ट ऑफिस के उच्चाधिकारियों से वार्ता के बाद पोस्ट ऑफिस ने अपनी गलती स्वीकारी और भविष्य में ऐसा न होने देने का आश्वासन दिया, इसके बावजूद भी पोस्ट ऑफिस कर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। इस बार मामला पंजाब नेशनल बैंक उत्तरकाशी से चेक बुक मंगाने का सामने आया तो एक बार फिर से चेक बुक नहीं मिलने से शक हुआ, बैंक में संपर्क किया तो बैंक ने बताया की पोस्ट ऑफिस से चेक बुक जारी कर पोस्ट आफिस से भेजी जा चुकी है । एक बार फिर पोस्ट ऑफिस मैं संपर्क किया और उन्हें बताया की पैकेट नंबर B Q 7432 550090 in कहा गया है, तो पोस्ट ऑफिस कर्मियों ने कंप्यूटर पर मिलान के बाद बताया कि 20 जनवरी 2020 को यह चेक बुक का पैकेट हरिद्वार तक आया था किंतु उसके बाद कहां गया उनके रिकॉर्ड में भी नहीं है। अब ग्राहक कब तक और कहां तक दौड़े। अमूमन यह होता है कि बैंक नई पासबुक चेक बुक जारी कर ग्राहक को तत्कालिक रूप से संतुष्ट कर देते हैं किंतु जो चेक बुक उन्हें मिली ही नहीं उसके उसका शुल्क आखिर किस जुर्माने के तहत उपभोक्ताओं से बार बार लिया जा रहा है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस संदर्भ में उत्तरकाशी लीड बैंक अधिकारी श्री तोमर से बात की तो उन्होंने संबंधित बैंक को बिना शुल्क के चेक बुक जारी करने के निर्देश दिए। अब देखना यह होगा की कब तक ग्राहकों की जेब पर बार-बार चेक बुक के नाम पर डाका डाला जाता रहेगा। अगर आप ने भी नई चेक बुक के लिये अप्लाई किया है तो सतर्क रहिए कही आप भी इस गुपचुप डाके का शिकार तो नही हो रहे?
पोस्ट ऑफिस के देहरादून कार्यालय से दूरभाष पर संपर्क करने से संबंधित अधिकारी ने एक कंप्लेंट नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए सुझाव दिया लेकिन जो नंबर उन्होंने उपलब्ध कराया पूरे दिन भर कॉल करने के बाद भी उस नंबर पर बात नहीं हो सकी अगर यह नंबर इतना ही बिजी है तो क्या पोस्ट ऑफिस की इतनी ज्यादा शिकायतें हैं और अगर इतनी ज्यादा शिकायतें हैं तो इन्हें कुछ और कंप्लेंट नंबर जारी करने चाहिए