बीआरओ खाकी का रक्त दान

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शिवालिक की बीआरओ टीम ने किया रक्तदान।

खून धमनियों में बहे , नालियों में नही ।

गिरीश गैरोला 

भले ही इंसान ने कितनी ही प्रगति कर ली हो और विज्ञान कितने ही दावे करता हो किन्तु जीवन चलाने के लिए जरूरी रक्त को आज तक भी लैब में तैयार नही किया जा सका। इंसान ही  इंसान के काम आ सकेगा इस शिद्धान्त के आधार पर रक्त दान सभी दान से बड़ा माना गया है। न जाने कब किसको रक्त की जरूरत पड़ जाय कहा नही जा सकता । घायल अथवा बीमार को दिया जाने वाला रक्त किसी धर्म जाती अथवा वर्ण से ऊपर उठकर मानवता के शिद्धान्त को स्वीकार करता है।

मुख्यालय शिवालिक परियोजना के तत्वाधान में एस.पी.एस. राजकीय सरकारी अस्पताल, ऋषिकेश में महादान रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन
“ जैसे जैसे इन्सान तरक्की के रास्ते पर बढ़ता गया, जीवन से जुडी हर समस्याओ को जाना और इसको दूर करने के लिए नित नये आविष्कार भी किये लेकिन जीवन रूपी इस शरीर को चलाने के लिए हमे जिस रक्त की आवश्यकता पड़ती है उसे न तो इन्सान बना सकता है और न ही बना पाया है लेकिन यह सच है की किसी भी इन्सान के अंदर रक्त की कमी को दुसरे इन्सान के रक्त से पूरा किया जा सकता है ”
श्री आशु सिंह राठौड़, वी.एस.एम., मुख्य अभियंता, शिवालिक परियोजना, सीमा सड़क संगठन के संयोजन में

. राजकीय सरकारी अस्पताल, ऋषिकेश में रक्त दान शिविर लगा। शिवालिक परियोजना के उप- मुख्य चिकित्साधिकारी श्री टी. सिवासुब्रमंयम तथा अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक श्री पाण्डेय जी की देख रेख में मुख्यालय शिवालिक परियोजना के कुल 30 जवानों ने स्वैच्छिक रक्त दान किया। रक्तदान शिविर के आयोजन में शिवालिक परियोजना के ओ सी ट्रूप्स श्री गजेन्द्र सिंह राणा, कैंप कमांडेंट श्री कमल नयन डिमरी तथा वरिष्ठ प्रशासनिक पर्यवेक्षक श्री डी.एस.सिद्धू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।


संयोजक श्री ए.एस.राठौड़ ने बताया कि रक्त दान महादान है। बी.आर.ओ. के जवान अपनी कड़ी मेहनत से इस मानसून के मौसम में भी उत्तराखंड के लोगो की लाइफ लाइन यानि सड़कों को आवागमन के लिए खोले रखते हैं, आज हम रक्त दान करके बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हमारा दान किया गया रक्त किसी न किसी जरूरतमंद के काम आएगा, इससे बढ़कर हमारे लिए कुछ नहीं है। संयोजक महोदय ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र सभी रक्तदाताओं को उपहार के तौर पर भेंट की।


अंत में श्री ए.एस.राठौड़,वी.एस.एम. मुख्य अभियंता शिवालिक परियोजना ने सभी स्वैच्छिक रक्दाताओ, एस.पी.एस. राजकीय अस्पताल, ऋषिकेश के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सभी आयोजकों तथा अस्पताल कर्मियों को धन्यवाद दिया।
*“रक्तदान का असली मूल्य उस वक्त पता चलता है जब कोई हमारा जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहा हो और उसे खून की सख्त जरूरत हो ।“*

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