देहरादून। चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने भर्तियों में हो रही धांधली के मामले में सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से प्रस्तावित भर्ती परीक्षाओं को स्थगित कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही जोशीमठ भू-धसाव पर प्रभावितों को मुआवजा, विस्थापन व पुनर्निर्माण के परिपेक्ष्य में सरकार से बद्रीनाथ-केदारनाथ की दर पर किए जाने की मांग।
विधानसभा स्थित कक्ष में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से कराई गई पटवारी भर्ती पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होने आयोग के अधिकारियों की भूमिका पर उठाए सवाल। उन्होंने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण के बाद भर्ती घोटालों में संलिप्त उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है, ऐसी स्तिथि में आयोग की ओर से प्रस्तावित पीसीएस-मेंस तथा फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षाओं को स्थगित करते हुए पूरे प्रकरण की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार देने में हो रही फेल साबित। नौकरी देने के बजाए नौकरी बेचने का काम किया जा रहा है। दरोगा भर्ती को लेकर पूर्व गृह मंत्री प्रीतम सिंह का बड़ा बयान। 20 दारोगाओ को सस्पेंड करने के सरकार के निर्णय पर उन्होंने कहा कि दरोगा भर्ती चाहे किसी के भी कार्यकाल में हुई हों, समूचे प्रकरण की हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देख रेख में सीबीआई से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि दरोगा भर्ती घोटाले में नियमित हो चुके दरोगाओं के निलंबन से अब विधानसभा अध्यक्ष का 2015 से पहले विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए नियमित कर्मचारियों पर कार्यवाई नही किए जाने का निर्णय सवालों के घेरे में आ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार दिग्भ्रमित है, सरकार को अपनी जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है, कभी एसआईटी, कभी एसटीएफ और कभी विजिलेंस से जांच के आदेश दे रही है। सरकार को यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी, विधानसभा भर्ती घोटालों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज़ की निगरानी में सीबीआई से कराने में किस बात का डर है? सरकार किसे बचाना चाह रही है?।