फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क घाँघरिया (जोशीमठ)।
यूनेस्को की प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की टीम फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण कर सकुशल जोशीमठ मुख्यालय लौट आई है। आप इन तस्वीरों में देख सकते है कैसे पार्क कर्मी ग्लेशियर के ऊपर जान जोखिम में डाल घाटी में पेट्रोलिंग कर बन्य जीव जंतुओ की रक्षा कर रहे है,घाटी का निरीक्षण कर लौटी टीम ने बताया कि घाटी के पैदल मार्ग वेली गेट के समीप और द्वारी तोक के आसपास अभी भी दस से 20 फीट ऊंचाई के ग्लेशियर मौजूद हैं। हालांकि इस वर्ष एक बार फिर कोरोना महामारी के चलते फूल लों की घाटी की यात्रा संचालन पर अभी संशय के बादल हैं। लेकिन पार्क प्रशासन की ओर से वन्य जीव तस्करों की आवाजाही की आशंका को लेकर घाटी का निरीक्षण और चौकसी हेतु रैकी लगातार की जा रही है ।
संजय कुंवर जोशीमठ
पार्क के अधिकारियों ने बताया कि टीम को घाटी के पैदल मार्ग के निरीक्षण के साथ ही घाटी में तस्करों की आवाजाही व अन्य गतिविधियों की जांच के लिये भेजा गया था। घाटी का निरीक्षण कर टीम लौट आई है। घाटी से लौटी टीम के सदस्य जय प्रकाश, अनूप कुमार, मनमोहन भंडारी, मान सिंह और राजेंद्र राणा ने बताया कि घाटी में इस वर्ष अभी तक बर्फवारी का सिलसिला जारी है। जिसके चलते यहां पैदल मार्ग पर द्वारीपैरा में 15 फीट ऊंचाई का 150 मीटर का हिमखंड पसरा हुआ है। वहीं ग्लेशियर प्वांइट से बामण धौड तक चार सौ-सौ मीटर के हिमखंड पसरे हुए हैं। जबकि घाटी में स्थिति सामान्य बनी हुई है। बता दें कि नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की ओर से प्रतिवर्ष एक जून को घाटी पर्यटकों के लिये खोली जाती है। लेकिन बीते वर्ष कोरोना के चलते घाटी में पर्यटकों की आवाजाही सरकार की ओर से प्रबंधित कर दी गई थी। ऐसे में चार धाम यात्रा के साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा स्थगित होने के बाद फूलों की घाटी की यात्रा के संचालन पर भी संशय बना हुआ है।