देवभूमि उत्तराखंड की भोली भली पहाड़ी जनता को भारत सरकार के अधीन पोस्ट ऑफिस दिन दहाड़े लूटने का काम कर रहे है | मामला चमोली जिले के नारायणबगड़ विकासखंड के अंतर्गत किमोली गाव का है जहा ग्रामीणो की मेहनत मजदूरी और मनरेगा भुगतान को पोस्ट ऑफिस के ही अधिकारी ही डकार गए है| मामला तब सामने आया जब डाकघर मे तैनात पोस्ट मास्टर का अन्यत्र ट्रान्सफर हो गया और किसी अन्य व्यक्ति को पोस्ट मास्टर का चार्ज दिया गया | अपनी पोस्ट ऑफिस के खाते की जानकारी लेने के लिए जब ग्रामीण डाकघर पहुचे तो पाया की उनके खाते से फर्जी दस्तखत से पहले से ही रकम निकाली जा चुकी है | यह खबर गाव मे आग की तरह फ़ेल गयी तो लोगो ने ट्रान्सफर पर गए पोस्टमासटेर से बात की |मामला गरमाता देख आरोपी पोस्टमास्टर ने उपभोक्ताओ को स्टैम्प पेपर पर लिख कर दिया कि निर्धारित तिथि तक वह उनकी रकम लौटा देगा | किन्तु 6 महिना गुजर जाने के बाद भी रकम नहीं मिली तो मीडिया तक इसकी सूचना पहुची |
गिरीश चंदोला थराली चमोली
ग्रामीण डाकघर मे इस तरह के मामले पहली बार नहीं हो रहे है | अभी कुछ समय पहले उत्तरकाशी जिले मे भी ठीक इसी तरह का मामला सामने आया था | दरअसल पोस्ट ऑफिस के अधिकारी ग्रामीणो से रकम लेकर उनसे डाकघर मे जमा न करके प्राईवेट फायनेंस मे लगा देते है और वह से अधिक व्याज कमा लेने के बाद डाकघर कि दरो पर ग्रामीणो को रकम लौटा दी जाती है | लंबे समय से पोस्ट ऑफिस की साख पर ये खेल चल रहा है, एक बार मार्केट मे पैसे का सर्कुलेसन बिगड़ जाने पर समय पर लोगो कि रकम नहीं मिलती है तो हल्ला होता है और मीडिया के कानो तक बात आती है उसके बाद विभाग कार्यवाही के नाम पर जो कुछ करता है उससे इस तरह के अपराधो पर आज तक कोई नियंत्रण नहीं लग पाया है, और शातिर अपराधी अपने ही जन पहिचान के लोगो को विश्वास मे लेकर भारत सरकार के डाकघर योजना को चुना लगा रहे है |
इस बार भी विभाग के उच्चाधिकारी एफ़आईआर दर्ज कलर मामले कि जांच कि बात तो कह रहे है पर ऐसे अपराधो पर कोई नियंत्रण लग पाएगा कहना मुसकिल है |
मामला नारायण बगड विकासखण्ड के सुदूरवर्ती सबसे बडे गाव किमोली के उपडाक घर से सामने आया है जहा ग्रामीणों की लाखों रुपये की खून पसीने की कमाई यहा पर तैनात पोस्टमास्टर द्वारा हडप ली गयी है, ग्रामीणों के अनुसार विगत 10 वर्षो में उनके द्वारा जमा की गई लगभग 60 लाख से अधिक की धनराशी जो उनके द्वारा पोस्ट आफिस में जमा की गयी थी जिसमें सेविंग, फिक्स, टीडी, एफडी,एलआईसी व मनरेगा के पैसे सम्मलित है, अब इस घोटाले की भेंट चढ़ गए है । मामला तब प्रकाश में आया जब माह अगस्त 2020 में किमोली के ही रहने वाले पोस्टमास्टर मुकेश कुमार की अन्यत्र तैनाती हो गयी व वहा पर तैनात पोस्टमैन को पोस्टमास्टर को चार्ज दिया गया ।
वर्तमान पोस्टमास्टर मलक सिंह के अनुसार जब उन्हें चार्ज मिला तो लोग अपने पैसे निकालने हेतु उनके पास पहुचने लगे । लेकिन उनके खातों में कोई पैसा नही होने व पर उनके द्वारा इसकी तुरन्त सूचना डाक निरीक्षक कर्णप्रयाग को दी व इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी व पास बुक सहित उपलब्ध करायी गयी । डाक निरीक्षक पूर्वी रोहित कुमार द्वारा गाव में पहुचकर जांच की गई और जांच में ग्रामीणों के पैसे का बड़ा गड़बड़झाला प्रकाश में आया , ग्रामीणों के अनुसार डाक निरिक्षक द्वारा गाव में तीन बार आकर ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी लौटाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन छः माह से भी अधिक समय होने पर भी कोई कार्यवाही नही हो पायी है ।
गाव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि उनके द्वारा अपनी बेटी की शादी हेतु 1 लाख तीस हजार रूपये जमा किये गये थे जब वे पैसे लेने गये तो उनके खाते से 1 लाख 24 हजार रूपाए अलग-अलग तिथि को निकाले गए थे, वही जांच में उनके दस्खत भी फर्जी पाये गये,ग्रामीणों का पोस्टमास्टर पर ये भी आरोप है कि उसने ग्रामीणों के डाकघर में जमा पैसों को अन्य किसी प्राइवेट चिट फंड कम्पनी में लगाकर 5 साल में दुगनी रकम का भी लालच दिया है अब घोटाला खुलने पर आरोपी पोस्टमास्टर ने कुछ ग्रामीणों को चेक तो दिए लेकिन पोस्टमास्टर के स्वयं के खाते में भी पैसे न होने और डाक विभाग द्वारा ग्रामीणों की जमा पूंजी अबतक न लौटाए जाने से ग्रामीण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं
वही सहायक अधिक्षक गोपेश्वर बद्रीप्रसाद थपलियाल ने इस घोटाले के सम्बंध में फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्बन्ध में जांच की कार्यवाही चल रही है, सभी ग्रामीणों का पैसा दिया जायेगा साथ ही उन्होंने बताया कि उक्त पोस्टमास्टर को निलंबित कर दिया गया है. जल्द ही विभाग के द्वारा पुलिस मे एफ़आईआर भी दर्ज किया जाएगा
मलक सिंह प्रभारी पोस्टमास्टर डाकघर किमोली
-देवकी देवी पीड़ित