गैरसैंण। CM त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आयोजित विधानसभा सत्र के दूसरे दिन अपना चौथा बजट पेश किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने 53526.97 करोड़ का बजट पेश किया। बुधवार को वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की कि गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी। इस पर सत्ता पक्ष के सभी विधायकों ने मेजें थपथपाकर और खड़े होकर मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया। बाद में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत सोच विचार और मंथन के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। यह राज्य आंदोलन के शहीदों, मातृशक्ति, नौजवानों व आंदोलनकारियों को सर्मिपत है। इससे दूरस्थ क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए 53526.97 करोड़ का करमुक्त बजट पेश किया। बजट में सरकार राजस्व घाटे को काबू करते हुए 49.66 करोड़ का राजस्व सरप्लस बजट प्रस्तावित करने में कामयाब रही है। किसानों, युवाओं, महिलाओं, छोटे कारोबारियों समेत तमाम तबकों को ध्यान में रखकर पेश इस समावेशी बजट में पलायन पर खास फोकस है।पलायन प्रभावी ब्लॉकों में आजीविका और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही सीमांत क्षेत्रों को खास तरजीह दी गई है। साथ में ग्रामीण और शहरी अवस्थापना सुविधाओं को सरकार ने लगातार एजेंडे में बनाए रखा है। स्कूली शिक्षा में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का संकल्प दिखा है। स्कूलों में सुविधाएं देने को बजट में 133 करोड़ की राशि रखी गई है। स्कूलों को 5000 कंप्यूटर दिए जाएंगे। राज्य के भीतर हवाई कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए देहरादून-श्रीनगर-नई टिहरी, हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़-धारचूला में हेली सेवा शुरू करने का इरादा जताया है।
प्रदेश की भाजपा सरकार का यह चौथा बजट और गैरसैंण में दूसरा बजट है। नए वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार ने बड़ी घोषणाओं से गुरेज किया, लेकिन इस बात का पूरा ख्याल रखा कि हर तबके की सुध ली जाए। साथ ही विजन-2020 के तहत वर्ष 2020 में जन कल्याण के अपने 25 लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई। सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को तकनीक की मदद से अंजाम तक पहुंचाने के लिए बजट में संकल्प फिर दर्शाया गया है। सरकारी कार्यप्रणाली को चुस्त-दुरुस्त, समयबद्ध और जवाबदेही युक्त करने को ई-ऑफिस प्रणाली को शीघ्र लागू किया जाएगा। ई-गवर्नेंस, ई-मंत्रिमंडल प्रणाली का जिक्र करते हुए ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर 100 सेवाएं जल्द मुहैया कराने का भरोसा दिया गया है। बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन का जिक्र और पीएम के डिजिटल इंडिया का खासतौर पर जिक्र किया गया है। नए बजट को सरकार राजस्व सरप्लस रखने में कामयाब रही है। हालांकि राजकोषीय घाटा 7549.74 करोड़ पहुंच गया है। यह घाटा भले ही एफआरबीएम एक्ट की सीमा से कम 2.57 फीसद है, लेकिन इस पर काबू पाना चुनौती से कम नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने एक घंटे 36 मिनट का बजट भाषण पूरा करते ही कहा कि पूरे उत्तराखंड और देश-दुनिया में रह रहे प्रवासियों की नजर इस सत्र पर टिकी है। उनकी अनेक आशाएं, अपेक्षाएं सत्र से हैं। उत्तराखंड आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब यह पर्वतीय राज्य बना तो इसके पीछे सीधे तौर पर यहां का पिछड़ापन केंद्र में था। दूरस्थ क्षेत्रों तक अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे, यह हमारा लक्ष्य है। इस दौरान जय उत्तराखंड का उद्घोष भी हुआ। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इसका स्वागत करते हुए कहा गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा पर सदस्य ताली भी बजा सकते हैं। मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचे, इसीलिए उत्तराखंड राज्य बना। यह सीमांत राज्य है और सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। कभी कहा जाता था कि पहाड़ का पानी और जवानी यहां के काम नहीं आते। ग्रीष्मकालीन राजधानी का निर्णय इन सब भावनाओं और चिंतन का परिणाम है। आज का दिन राज्य के लिए ऐतिहासिक है। यह समस्त राज्यवासियों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि इसके स्वरूप आदि को लेकर बैठकर निर्णय लिया जाएगा। इस कड़ी में तमाम व्यवस्थाएं भी यहां जुटाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2017 के विस चुनाव के दौरान भाजपा के दृष्टिपत्र में भी इसका उल्लेख था। यह वादा पूरा हो गया है। इस मौके पर मौजूद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री इसका पटाक्षेप करेंगे और इस दिन का उन्हें भी इंतजार था। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद जहां विपक्षी कांग्रेस के सदस्य शांत रहे, वहीं निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उनके निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने भी सरकार की घोषणा का स्वागत किया। साथ ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग पर जोर दिया।
फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले पर सरकार को घ्ोरा
गैरसैंण। गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले पर सरकार को घ्ोरा। साथ ही वेल में पहुंचकर हंगामा किया। इसे नियम-58 में सुनने के आश्वासन पर विपक्षी विधायक माने। प्रश्न काल में श्रम मंत्री हरक सिंह श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर विपक्ष व सत्ता पक्ष के विधायकों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्माण श्रमिकों की संख्या 2.98 लाख है उन्हें श्रमिक टूल किट, सिलाई मशीन सुविधाओं को मुहैया कराया जा रहा है। गैरसैंण में बजट सत्र में बेरोजगारी का मुद्दा गरमाया। सदन में विपक्ष ने बेरोजगारों का मामला उठाया। विपक्ष ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेयश ने कहा कि सरकार निष्पक्ष फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा कराने में असफल रही है। ______________________________________