प्रदेश का सबसे बड़ा आर्च ब्रिज तैयार, सीएम करेंगे लोकार्पण

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प्रदेश का पहला बड़ा आर्च ब्रिज चिन्यालीसौड़ में हुआ तैयार।

ब्लॉक मुख्यालय की तरफ खड़ी कर दी दीवार।

चिन्यालीसौड़ बाजार का लिंक मार्ग बंद होने से गुस्साए लोगों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी।

गिरीश गैरोला

उत्तरकाशी जिले के दिचली – गमरी पट्टी के 50 गांव समेत पड़ोसी टिहरी जिले के प्रताप नगर तहसील को जोड़ने वाला 52 करोड़ रु की लागत वाला देवी सौड़ पुल 7 वर्ष के आंदोलन के बाद अब बनकर तैयार हो गया है और

खुद सूबे के मुख्यमंत्री इसके लोकर्पण के लिए यहाँ  पहुँचने वाले है , किंतु देवीसौड़ नाम से  स्वीकृत इस पुल को ब्लॉक मुख्यालय की तरफ से दीवार लगाकर आवाजाही बंद कर दी  गयी है।  गुस्साए लोगों ने डीएम को ज्ञापन देकर उग्र आंदोलन की चेतवानी दी है।
विश्व का तीसरे सबसे बड़े  टिहरी  बांध की झील का  42 किमी लंबा जलासय  उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ तक पहुँचता है। झील के आगोश में आने से गंगा पार जाने वाले पुल और सड़क मार्ग झील में समा गए थे । खुद देवी सौड़ का पुल 7 बार झील में डूबा और बाहर निकला। पुल डूबने से गंगा पार के गाँव बिना वजह  काला  पानी की सजा भुगत रहे थे वर्षो तक इसी स्थान पर बड़े पुल निर्माण की मांग के लिए आंदोलन हुए । जिसके  बाद वर्ष 2013 में 52 करोड़ की लागत से आर्च पुल का निर्माण सुरु हुआ। 162 मीटर स्पान और 5 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल में एक समय मे एक बड़ा और एक छोटा वाहन एक साथ पास हो सकते है। पुल की ऊंचाई इतनी अधिक है कि पुल तक पहुचने के लिए 465 मीटर की अप्रोच सड़क निर्माण की गई है। जिसके बाद आर्च पुल का ये हिस्सा किसी फ्लाई ओवर की तरह नजर आता है।
पुल निर्माण दिचली -गमरी और प्रतापनगर के लिए वरदान साबित होगा। इतना ही नही केदारनाथ यात्रा  के लिए भी यह पुल बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएगा।
जानकारों की माने तो उत्तराखंड में इतना बड़ा यह अभी तक का  अकेला आर्च ब्रिज है। विधायक यमनोत्री केदार सिंह ने बताया कि 20 -25 दिनों के भीतर इस पुल का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों से किया जाना है।
देवी सौड़ नाम से स्वीकृत इस पुल के निर्माण के बाद पुनर्वास विभाग ने इसे एक किमी दूर पीपल मंडी से तो जोड़ दिया किन्तु ब्लॉक मुख्यालय और चिन्यालीसौड़ बाजार की तरफ जाने वाले पुराने मार्ग को दीवार देकर बंद कर दिया जिसको लेकर स्थानीय लोगो मे आक्रोश है । पूर्व पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़ ने बताया कि इस बात को लेकर 10 दिन पूर्व डीएम को ज्ञापन दिया जा चुका है किन्तु पुनर्वास विभाग ने कोई संज्ञान नही लिया, उन्होंने चेतवानी दी कि इस लिंक  मार्ग को बंद किया गया तो उग्र आंदोलन सुरु किया जाएगा। बताते चले कि गंगा पार से स्कूल हॉस्पिटल और ब्लॉक कार्यलय के लिए वर्षो से यही लिंक मार्ग उपयोग में लाया जाता रहा है।
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