चूहेदानी बन गया ये गाँव

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ऊपर से पहाड़ की दहाड़ नीचे डुबाने को तैयार गंगा की धार।

सीएम घोषणा के बाद भी नही बना पुल।
डीएम आफिस में पशुओ के साथ धरने की तैयारी।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगे गाँव दिलसौड़ का जिला मुख्यालय और पड़ोसी गांवो से संपर्क पिछले कई वर्षों से कटा हुआ है। गाँव के लिए स्वीकृत सड़क मार्ग को भूगर्भ वैज्ञानिक की रिपोर्ट के बाद खारिज कर दिया गया।जिसके बाद मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 10 करोड़ रु पुल निर्माण के लिए स्वीकृत किये गए किन्तु न तो पुल निर्माण हुआ और न ही सड़क ।
गुस्साए ग्रामीणों ने डीएम कार्यलय में प्रदर्शन के बाद 15 दिनों में मांग पूरी
 न होने पर लोक निर्माण विभाग कार्यलय में तालाबंदी करते हुए डीएम आफिस में धरना सुरु करने की चेतावनी दी , साथ ही अपने पशुओ के साथ गाँव की  महिलाओं ने भी कलेक्ट्रेट में धरना सुरु करने की बात कही है।
 उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगे दिलसौड़ के ग्रामीणों ने बताया कि रोज सुबह अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय उनकी कुशलता को लेकर डर लगा रहता है। गाँव में न तो रोड़ है और न पुल ऐसे में ऊपर  पहाड़ी से पत्थर गिरने का डर रहता है जबकि नीचे से गंगा भागीरथी के उफान में डूबने के खतरा,  ऐसे में ग्रामीण खुद को  किसी चूहे दानी में बंद महसूस कर रहे है।
 दरअसल उत्तरकाशी -मनेरा-दिलसौड़-चाम कोट सड़क अठाली से देविधार तक पहुँचती थी किन्तु वर्ष 2013 की देवी आपदा में सड़क ऐसे गायब  हुई कि चार -पांच गांवो के आपसी संपर्क भी टूट गया। ग्राम प्रधान दिलसौड़ विजय सिंह रावत ने बताया कि चाम कोट के ग्रामीण किसी तरह ट्रॉली के तार से लटक कर मातली होते हुए जिला मुख्यालय पहुँच रहे है किंतु दिलसौड़ गाँव मे न तो सड़क है और न पुल। तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 10 करोड़ रु पुल के लिए स्वीकृत हुए और 10 लाख रु टोकन मनी के रूप में विभाग के खाते में डाल दिये गए किन्तु पुल आजतक नही बना।
इसके अलावा दिलसौड़- चाम कोट की टूटी सड़क मथ्यारी तोक में पंचायती चौक का पुस्ता भी वर्ष 2016 से ढहा हुआ है जिस पर गाँव के धार्मिक आयोजन पांडव लीला आदि होते है। जुलाई 17 को प्रमुख सचिव उमाकांत पंवार ने भी खुद मौके पर मौके पर जाकर डीएम उत्तरकाशी को तत्काल  पुस्ता निर्माण करवाने के निर्देश दिए थे । अब आलम ये है कि लोक निर्माण विभाग एस्टीमेट को डीएम आफिस भेजने की बात कहकर उन्हें टाल रहा है और डीएम आफिस में पांच बार मिलने के बाद भी कोई हरकत नही दिख रही है,  लिहाजा इस बार दिलसौड़ के ग्राम प्रधान ने 15 दिनों के बाद अपने पशुओ और ग्रामीण महिलाओं के साथ लोक निर्माण के कार्यलय में तालाबंदी करते हुए कलेक्ट्रेट में धरना सुरु करने के चेतावनी दी है। वहीँ ग्रामीण महिलाएं भी अपने गाय भैंस के साथ कलेक्ट्रेट में सहयोग करेंगी।
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