देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केदारनाथ धाम में गर्भगृह में की गई पूजा के लाइव प्रसारण पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज किया। कहा कि यह परंपराओं के अपमान के साथ-साथ पाप से भी कम नहीं। उत्तराखंड के लिए कोई नई विकास योजना और आपदा राहत के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा न होने के लिए कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी से नाराजगी जाहिर की। शुक्रवार को पीएम के जाने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व सीएम हरीश रावत ने अलग-अलग हमला बोला।
राजीव भवन में आयोजित प्रेस कांग्रेस में श्री गोदियाल ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान भी केंद्र सरकार केदारधाम को राजनीतिक प्रयोग करना चाहती थी। उस वक्त मेरे विरोध के कारण ही वहां लेजर शो स्थगित हो पाया था। गर्भगृह में पूजा का लाइव प्रसारण आस्थाओं के खिलाफ है। भाजपा सरकार ने कुछ अरसे पहले आदेश किया था कि गर्भग़ह से पूजा का प्रसारण नहीं होगा। अब खुद ही इस नियम को तोड़ डाला। भाजपा ने केदारनाथ धाम परिसर को चुनावी मंशा से उपयोग किया, वो भी बहुत ही गलत है। यही नहीं कांग्रेस के विधायक मनोज रावत का भी प्रदेश सरकार ने अपमान किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि, गर्भगृह की पूजा का प्रदर्शन आस्था का अपमान है। यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक ड्रामा था। मैं भगवान शिव से प्रार्थना करता हूं कि वो हम मनुष्यों के पापों को माफ करें। दूसरी बात यह कि मोदी जी से प्रधानमंत्री के रूप में उम्मीद थी कि वो आपदा से जूझते इस प्रदेश को कुछ राहत देंगे। लेकिन राजनीतिक यात्रा पर आए पीएम उत्तराखंड के हाथ खाली छोड़ गए।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उम्मीद थी कि पीएम आ रहे हैं तो उत्तराखंड को आपदा की वजह से लगे जख्मों पर जरूर महरम लगाएंगे। क्या पता था कि वो धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि राजनीतिक यात्रा पर आ रहे हैं। भाजपा के नेता भाषणों में उत्तराखंड से बहुत लगाव दिखाते हैं और धरातल पर कभी कुछ नहीं करते। जनता सब देख रही है। भाजपा वर्ष 2022 के लिए अपना बोरिया बिस्तर बांध कर तैयार रखे। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा, मैनें पीएम के दौरे का स्वागत किया था, पर अब मैं निराश हूं। उत्तराखंड को कुछ तो दिया नहीं, उल्टे हमारी आस्था-परंपराओं को रौंद कर चले गए। गर्भगृह की पूजा का सोशल मीडिया और चौनलों से प्रसारित करना बहुत ही गलत है। यह गर्भगृह की मर्यादा का उल्लंघन है।