EX EN ने कर दिया SDM का जबाब तलब – पत्र की भाषा पड़ गई महंगी

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कानून व्यवस्था और जमीन विवाद के लिए कोर्ट ने बताओ मजिस्ट्रेट सेवा देने वाले उप जिलाधिकारी के एक पत्र पर बवाल मच गया दरअसल उन्होंने अपने पत्र में प्रथम श्रेणी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए जिस भाषा का उपयोग किया उसे पर अधिशासी अभियंता ने और आपत्ति जताते हुए एसडीएम से ही जवाब तलब कर लिया।

सोसल मीडिया पर इन दिनो यूपी के एक एसडीएम और लोक निर्माण विभाग के एक अधीसाशी अभियंता का पत्र खूब सुर्खिया बटोर रहा है । उत्तर प्रदेश के तहसील जलालपुर अंतर्गत जनपद अंबेडकर नगर क्षेत्र अंतर्गत सड़क के किनारे झाड़ियां और पेड़ की शाखाओं के लटकाने से दुर्घटनाओं की प्रबल संभावना को देखते हुए एसडीम जलालपुर अंबेडकर नगर ने अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग अंबेडकर नगर को निर्देशित करते हुए सड़क के किनारे लटकी हुई झाड़ियां और पेड़ की शाखों को साफ करने के निर्देश दिए, जिसके जवाब में अधिशासी अभियंता निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग अंबेडकर नगर में चार सूत्रीय एक्सप्लेनेशन जारी करते हुए एसडीएम से ही जवाब तलब कर लिया। अधिशासी अभियंता ने अपने पत्र के माध्यम से बताया कि संबंधित एसडीएम लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तैनात द्वितीय श्रेणी के अधिकारी हैं, जबकि वह खुद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तैनात प्रथम श्रेणी के अधिकारी हैं, लिहाजा उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन की नियमावली का उल्लेख करते हुए प्रथम श्रेणी अधिकारी को निर्देशित करने वाले द्वितीय श्रेणी के अधिकारी का जवाब तलब किया ।


उन्होंने पूछा कि उनके द्वारा लिखित पत्र में निर्देशित किया जाना उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के नियम तीन में वर्णित नियमों के अनुसार क्या उपयुक्त है?
साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि मालीपुर से जलालपुर सड़क मार्ग पर लटकी हुई झाड़ियां एवं पेड़ों की शाखों को साफ करने के लिए क्या उन्हें कोई बजट उनकी तरफ से उपलब्ध कराया गया है? और अंतिम पॉइंट में उन्होंने इस कार्य में उपयोग की जाने वाली धनराशि को किस मद में खर्च किया जाएगा इस पर भी जानकारी मांगी है।

 

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